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27 सितंबर भारत में मनाया जा रहा है विश्व पर्यटन दिवस

कलाकारों ने बताया देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में

मुंबई(एजेंसी)| भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के लिसे हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस (वल्र्ड टूरिज्म डे) मनाया जाता है। इस खास मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों और घूमने के शौकीन लोगों ने अपने राज्यों के अपने पसंदीदा स्थानों और सैर करने लायक जगहों के बारे में बात की। इन कलाकारों में शामिल हैं ‘दूसरी माँ‘ के आयुध भानुशाली (कृष्णा), नेहा जोशी (यशोदा), एवं आरजे मोहित (मनोज), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की गीतांजलि मिश्रा (राजेश) व चारूल मलिक (रूसा) और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी) एवं सानंद वर्मा (अनोखे लाल सक्सेना)।



‘दूसरी माँ‘ में यशोदा का किरदार निभा रहीं नेहा जोशी, जोकि मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं, ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र से होने के नाते, मुंबई के लिये मेरे दिल में एक बेहद खास जगह है, क्योंकि यह मेरी कर्मभूमि भी है। गेटवे आॅफ इंडिया, मरीन ड्राइव और वर्ली सी लिंक अपनी खूबसूरती से शहर की शोभा को और बढ़ाते हैं। इन सबकी अपनी-अपनी दिलचस्प कहानियां हैं। पर्यटकों को जुहू चैपाटी के वड़ा पाव, पाव भाजी और पानी पूरी सहित मुंबई के प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड्स का स्वाद जरूर चखना चाहिये। महाराष्ट्र में मेरी पसंदीदा जगहों में मेरी जन्मभूमि नाशिक भी शामिल है। गोदावरी नदी के तट पर स्थित नाशिक एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल भी है।



‘भारत के वाइन कैपिटल‘ के रूप में मशहूर नाशिक में देश के आधे से ज्यादा वाइनयार्ड्स और वाइनरीज हैं। इसके अलावा, मैं अपने परिवार के साथ अक्सर महाबलेश्वर, पंचगनी, ईगतपुरी और लोनावला भी जाती रहती हूं। यहां की हरी-भरी वादियां और पहाड़ियां मुझे सुकूनदायक पलों का आनंद देती हैं।‘‘ गीतांजलि मिश्रा, जोकि ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में राजेश सिंह का किरदार निभा रही हैं और उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं, ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश ऐतिहासिक स्थलों का खजाना है। यहां पर ताज महल, रूमी दरवाजा, पंच महल और चुनार फोर्ट जैसे कई ऐतिहासिक इमारते हैं, जो इसे इतिहास और वास्तुकला में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिये इसे स्वर्ग बनाती हैं।



यह बेशक भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है, जो अपने घूमने योग्य स्थानों के साथ दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। वाराणसी, जोकि मेरा होमटाउन है, इस राज्य में मेरा एक सबसे पसंदीदा स्थान है। यह भगवान शिव की नगरी के रूप में मशहूर है, जहां विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है, जो आपको जरूर देखना चाहिये। मुझे आगरा का ताजमहल भी बेहद पसंद है, जोकि अटूट प्रेम और वास्तुशिल्प सौंदर्य का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश में तरह-तरह के व्यंजन और स्ट्रीट फूड्स मिलते हैं, जो मुझे बेहद पसंद हैं। लिट्टी चोखा, चूड़ा मटर, टमाटर चाट, कचैरी और समोसा तथा कुल्हड़ वाली चाय कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका स्वाद आप कभी भूला नहीं पायेंगे।



‘‘ शुभांगी अत्रे, जोकि मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश भारत का दिल है और यहां पर ढेरों ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इसे वैश्विक पर्यटकों के लिये एक अवश्य घूमने योग्य जगह बनाते हैं। यह राज्य अपनी साफ-सफाई के लिये मशहूर है और आगंतुकों को एकदम घर जैसा अनुभव कराता है।



यहां पर कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिन्हें बेहद खूबसूरती से तैयार किया गया है, जैसे कि खजुराहों के हिन्दू एवं

जैन मंदिर, जो अपनी अद्भुत मूर्तियों के लिये जाने जाते हैं। यहां का अपना एक पसंदीदा स्थान बता पाना मेरे

लिये काफी मुश्किल काम है। प्रकृति प्रेमियों के लिये पूर्वी बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क ऐसी जगहें हैं, जहां

पर उन्हें जरूर जाना चाहिये। यहां पर आप प्राकृतिक नजारों के साथ-साथ अद्भुत वन्यजीवन का भी अनुभव कर

सकते हैं। मेरा मानना है कि मध्य प्रदेश का सौंदर्य अतुलनीय है और यहां की मध्यकालीन महिमा दूर-दूर से

पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती रहेगी।‘‘



राजस्थान के रहने वाले मोहित शर्मा, जोकि ‘दूसरी माँ‘ में मनोज का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘गुलाबी शहर

जयपुर में दुनिया के कुछ प्रसिद्ध विरासत स्थल मौजूद हैं। इसका खूबसूरत वास्तुशिल्प और प्राचीन इतिहास

लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। आप जहां भी नजर घुमाते हैं, आपको सौंदर्य एवं संस्कृति का

संगम देखने को मिलेगा। ये नजारे आपको प्रसन्न कर देते हैं। मैं जयपुर में पला-बढ़ा हूं और यहां की समृद्ध

विरासत एवं संस्कृति हमेशा से ही मेरा ध्यान आकर्षित करती रही है। यदि आपको जयपुर जाने का मौका मिले,

तो हवा महल, शीश महल, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, जूनागढ़ फोर्ट, राम निवास गार्डेन और जल महल जैसे

प्रसिद्ध स्थानों की सैर जरूर करें। इसके अलावा, राजस्थानी व्यंजनों की मेरे दिल में एक खास जगह है।


राजस्थान जाने पर असली राजस्थानी थाली का आनंद जरूर उठायें, जिसमें दाल बाटी चूरमा और माखनिया

लस्सी जैसी चीजें होती हैं, जो आपका दिल खुश कर देंगी। राजस्थानी स्वाद से भरे ये पकवान आपको जरूर पसंद

आयेंगे।‘‘ चंडीगढ़ की चारूल मलिक, जो ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रूसा का किरदार निभा रही हैं, ने कहा,

‘‘चंडीगढ़ खूबसूरत है। चाहे आप कहीं से भी आएं, वहाँ के लोग, खान-पान और माहौल आपको घर के जैसा

एहसास देगा। मैं कई बार पंजाब गई हूँ और वहाँ जाकर रोमांचित हो जाती हूँ। वहाँ कई शानदार किले, महल,

प्राचीन स्मारक और वास्तुशिल्पीय चमत्कार हैं। सभी पर्यटकों को राॅक गार्डन, रोज़ गार्डन, सुखना झील और

स्थानीय बाजारों का दौरा जरूर करना चाहिये। चंडीगढ़ अपने खाने के लिये मशहूर है।


वहाँ की सदाबहार मक्के दी रोटी और सरसों का साग जरूर आजमाना चाहिये। इसके अलावा, अमृतसरी कुलचा, छोले भटूरे, तंदूरी चिकन, और पंजाब की मशहूर लस्सी के बिना तो हर खाना अधूरा है।’’ गुजरात के आयुध भानुशाली, जो ‘दूसरी माँ‘ में कृष्णा बने हैं, ने कहा, ‘‘गुजरात सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और अलग है और उसकी मेरे दिल में एक खास जगह है। वहाँ कई सारे पवित्र स्थल हैं और हर किसी की राज्य के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका है। मनमोहक ग्रेट रण ऑफ कच्छ से लेकर सतपुड़ा की शांत पहाड़ियों तक, गुजरात अपनी आकर्षक प्राकृतिक सुदंरता से पर्यटकों को लुभाता है। उस जीवंत राज्य से वापसी करने के पहले कई मशहूर जगहों का दौरा तो बनता ही है, जैसे कि दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, साबरमती आश्रम, अक्षरधाम मंदिर, कांकरिया लेक, भद्रा किला, पतंग काइट म्युजियम (दुनिया का दूसरा पतंग संग्रहालय), आदि।’’ बिहार के सानंद वर्मा, जोकि ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखे लाल सक्सेना की भूमिका निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘बौद्ध और जैन धर्मों से बिहार का गहरा जुड़ाव उसे पर्यटकों और मन की शांति चाहने वालों के लिये एक जरूरी ठिकाना बनाता है।


धर्म, आध्यात्म, इतिहास और साहित्य का अनोखा संगम बिहार को अलग बनाता है। बिहार के हर शहर के अपने खजाने हैं, लेकिन सबसे मशहूर जगहों में बोध गया, राजगीर, पटना, वैशाली, पावापुरी और नालंदा शामिल हैं। बिहार का सांस्कृतिक ताना-बाना जीवंत धागों से बुना हुआ है, जैसे कि मनमोहक मधुबनी और तिकुली पेंटिंग्स। वहाँ के त्यौहार और मेले, जैसे कि छठ पूजा, राजगीर, महोत्सव और सोनपुर मेला देखने लायक हैं। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ बिहार के पास हर यात्री के लिये कुछ न कुछ है और एक बिहारी होने पर मुझे बड़ा गर्व है।’’


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