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India News: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा

25 Aug 2022

पांच महीने, १२ राज्य और ३५०० किमी

नई दिल्ली/मालवा हेराल्ड/शुभम ताम्रकार | राहुल गांधी ७ सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ों यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे, वे पहले चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगें | श्रीपेरंबदूर स्मारक वह स्थान है, जहाँ १९९१ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या की गई थी | देश के दक्षिण(कन्याकुमारी) से उत्तर(कश्मीर) के एक छोर से दूसरे छोर तक पैदल चलना का कांग्रेस(CWC) ने कठिन निर्णय लिया है जिसमें कांग्रेस अपने पुराने अस्तित्व को तलाशने की कोशिश करेगी |

७ सितंबर से शुरू हो रही यात्रा में कांग्रेस राहुल गाँधी के नेत्रत्व में ३५०० किलोमीटर की दक्षिण से उत्तर तक की दूरी तय करने के लिए तैयार है | पांच महीनों तक चलने वाली पद यात्रा १२ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी | यह यात्रा कन्याकुमारी से चलकर तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव, इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, जम्मू होते हुए कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में समाप्त होना है |

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर बताया कि - "इस यात्रा में कांग्रेस १०० पदयात्री(कार्यकर्ता) शुरू से अंत तक चलेंगे, वे भारत यात्री होंगे। जिन राज्यों से यह यात्रा नहीं गुजर रही है, वहां से करीब १०० कार्यकर्ता जुड़ते रहेंगे, वे लोग अतिथि यात्री होंगे। जिन राज्यों से होकर यात्रा गुजरेगी, उनमें से करीब १०० कार्यकर्ता शामिल होंगे, ये प्रदेश के यात्री होंगे। एक बार में यात्रा में कुल ३०० पदयात्री(कार्यकर्ता) होंगे।"

इस यात्रा में प्रतिदिन २५ किमी की दूरी तय की जाएगी, इसमें पदयात्रा, रैलियां और जनसभाएं शामिल होंगी | सोनिया गाँधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी यात्रा में शामिल होंगे | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है, कि राहुल गांधी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, किंतु रैली के नेत्रत्व को लेकर अभी दोनों नेताओं चुप्पी साध रखी है | एक ख़बर यह भी है कि इस पूरी यात्रा में राहुल गाँधी हर वक्त उपलब्ध रहेंगे, वे अस्थायी कंटेनरों में सोएंगे और जनता की विभिन्न समस्याओं और पहलुओं पर चर्चा करेंगे |


यात्रा का मुख्य उद्देश्य -


दिल्ली में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रमेश और सिंह ने मीडिया को बताया - "राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा के तीन मुख्य कारणों की पहचान की है- आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक। यात्रा की आवश्यकता थी क्योंकि मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आर्थिक धन की एकाग्रता और बढ़ती क्षेत्रीय विषमताओं के कारण देश गंभीर आर्थिक चुनौतियां से गुजर रहा है | राहुल ने जाति, धर्म, पोशाक, भोजन और भाषा के आधार पर सामाजिक ध्रुवीकरण की ओर भी इशारा किया।"

रमेश ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा संस्थाओं के बढ़ते उपयोग और राज्यों के पूरी तरह से कमजोर होने के कारण राजनीतिक चुनौतियां बढ़ गई हैं। रमेश ने आगे कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का मुकाबला करने के लिए यह यात्रा समय की मांग है। रिपोर्टों के अनुसार पार्टी ने दावा किया कि आजाद भारत के इतिहास में आज तक इस पैमाने की पदयात्रा का कोई आयोजन नहीं किया गया है।


२२ अगस्त को दिल्ली में 'भारत जोड़ों यात्रा सम्मेलन' नामक एक राष्ट्रीय आयोजन हुआ, इसमें १५० नागरिक समाज संगठनों ने भाग लिया। राहुल गांधी ने कहा कि "यात्रा उनके लिए एक तपस्या की तरह है।" उन्होंने आगे कहा, "मैं जानता हूं कि भारत को एकजुट करना एक लंबी लड़ाई होगी और मैं इसके लिए तैयार हूं।" राहुल गांधी के प्रस्ताव से आश्वस्त होकर, इन संगठनों ने कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा पर अपना समर्थन दिया है।

२३ अगस्त को पार्टी ने भारत जोड़ों यात्रा के लिए लोगो, टैगलाइन, पैम्प्लेट और वेबसाइट का अनावरण किया।

सिंह और रमेश ने यात्रा की टैगलाइन 'मिले कदम, जुड़े वतन' का अनावरण किया |

राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में कहा -

"एक तेरा कदम, एक मेरा कदम

मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन


आओ साथ मिलकर भारत जोड़ें।"

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नताओं ने भी यात्रा की टैगलाइन ट्वीट की और यात्रा के लोगो को अपने ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाया। कई कांग्रेसियों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से लोगो प्रदर्शित करने के लिए अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर बदल दी।

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