
19 Aug 2023
दिल्ली दंगा मामले में कोर्ट की टिप्पणी, तीन को किया बरी
नई दिल्ली| दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली की कोर्ट ने पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस बात को लेकर भी गंभीर संदेह है कि दिल्ली पुलिस ने दंगों की जांच ठीक से किए बिना सबूतों के साथ छेड़छाड़ की। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पूर्व निर्धारित और गलत तरीके से चार्जशीट दायर की है। अपर सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने दलीलें सुनने के बाद तीनों लोगों को आरोपमुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि आदेश इसलिए पारित किया जा रहा है, क्योंकि रिपोर्ट की गई घटनाओं की ‘ठीक से और पूरी तरह से जांच नहीं की गई’ और आरोपपत्र ‘पूर्व निर्धारित, यांत्रिक और गलत तरीके से दायर किए गए, जिसके बाद केवल प्रारंभिक गलत कार्यों को छुपाने की कार्रवाई की गई। अदालत ने कहा कि इस मामले में की गई जांच का आकलन करने और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने तथा उपरोक्त शिकायतों को कानूनी एवं तार्किक अंत तक ले जाने के लिए मामले को पुलिस विभाग को वापस भेजा जाता है। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद अकील अहमद, रहीस खान और इरशाद के पक्ष में आरोपमुक्त करने का आदेश पारित किया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किए गए थे। आरोप है कि एक भीड़, जिसमें कथित तौर पर आरोपी भी शामिल थे, पत्थर, छड़ें और लाठियां लिए हुए थीं।
बिहार की जाति गणना पर सुनवाई अब सोमवार को
बिहार में जातीय गणना जारी रखने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। अब इस मामले में 21 अगस्त यानी सोमवार को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में जातीय गणना की सभी याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। शुक्रवार को इस मामले पर बहस अधूरी रह गई। कोर्ट में बिहार सरकार ने बताया कि राज्य में सर्वे का काम पूरा हो चुका है और डाटा भी ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए हैं। इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने चार मई को जातिगत गणना पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन जातीय गणना के डाटा को सुरक्षित रखने की बात कही थी, जिसके बाद दोबार पटना हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद पहली अगस्त को हाई कोर्ट ने जातीय गणना पर से रोक हटा दी और नीतीश सरकार के जाति गणना कराने के निर्णय को सही ठहराया।