
5 Jan 2024
भारतीय उद्योग परिसंघ से एमओयू का किया नवीनीकरण
नईदिल्ली| भारतीय रेलवे ने जीएचजी उत्सर्जन को कम करते हुए ऊर्जा और पानी की खपत कम करने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआर और सीआईआई ने लगातार तीसरी बार अपने एमओयू का नवीनीकरण किया है।
रेलवे ने वर्ष 2030 तक "शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन" लक्ष्य निर्धारित किया है। भारतीय रेलवे के पास अनेक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन, उत्पादन इकाइयां, प्रमुख कार्यशालाएं और अन्य प्रतिष्ठान हैं, जिनके लिए पर्यावरण संरक्षण और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य से विभिन्न हरित पहल की गई हैं।
भारतीय रेलवे में हरित पहल को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने के लिए सीआईआई जुलाई 2016 से आईआर के साथ सक्रिय रूप से साझेदारी कर रहा है। उसने वर्ष 2016 में पहले समझौता ज्ञापन पर 03 वर्ष के लिए हस्ताक्षरित किए थे और इसकी समाप्ति पर अगले 03 वर्षों के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर वर्ष 2019 में हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन पर रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक/एमई (ईएनएचएम एवं परियोजना) श्री शैलेन्द्र सिंह और सीआईआई की उप महानिदेशक श्रीमती सीमा अरोड़ा ने रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा, बोर्ड के सदस्यों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 4 जनवरी, 2024 को हस्ताक्षर किए और इसका आदान-प्रदान किया। जिसके तहत अब तक निम्नलिखित हासिल करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है:
विनिर्माण सुविधाओं और रेलवे कार्यशालाओं में ऊर्जा दक्षता: इस पहल के परिणामस्वरूप 210 लाख किलोवाट घंटा की ऊर्जा बचत और 16 करोड़ रुपये की मौद्रिक बचत हुई और इसके परिणामस्वरूप जीएचजी उत्सर्जन में लगभग 18000 टन कार्बनडाइक्साइड की उल्लेखनीय कमी आई।
ग्रीनको रेटिंग: यह पहल 75 रेलवे इकाइयों (कार्यशालाओं और विनिर्माण सुविधाओं) में लागू की गई है और इससे उनके पर्यावरणीय प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है।
हरित रेलवे स्टेशन: लगभग 40 स्टेशनों ने हरित प्रमाणपत्र हासिल किया है और सालाना 22 मिलियन किलोवाट घंटा ऊर्जा और 3 अरब लीटर पानी की बचत करके महत्वपूर्ण सुधार प्रदर्शित किए हैं।
हरित भवन, अस्पताल, स्कूल और कॉलोनियां: प्रशासनिक भवनों, अस्पतालों, स्कूलों और कॉलोनियों सहित 40 से अधिक भवन सुविधाओं को हरित प्रमाणीकरण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है।
क्षमता निर्माण और कौशल विकास: 20 से अधिक नये प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं का परिचय कराया गया है, लगभग 150 आईआर अधिकारियों को भारत में 06 सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा कुशल निजी क्षेत्र के संयंत्रों से अवगत कराया गया है। साथ ही, लगभग 900 आईआर अधिकारियों को ऊर्जा दक्षता के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया।