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अब एलजी होंगे दिल्ली के बॉस

13 Aug 2023

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा बिल बन गया कानून

नई दिल्ली| दिल्ली सेवा विधेयक संसद से पास होने के बाद अब कानून भी बन गया है। दिल्ली सर्विस बिल समेत चार बिलों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। अब ये चारों बिल कानून बन गए हैं। इनमें डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, द रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ बिल और जन विश्वास बिल शामिल हैं। भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) कानून 2023 को लागू भी कर दिया है। इस कानून को 19 मई से ही लागू माना जाएगा। इससे पहले सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किनारे करने के लिए अध्यादेश लाई थी। इस कानून के लागू होने के बाद अब दिल्ली सरकार के प्रशासन में बदलाव नजर आएगा। बता दें कि अब अधिकारियों के तबादले और अनुशासन से संबंधित फैसले सिविल सर्विसेज प्राधिकर लेगा।


वहीं विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भी दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी। उधर डाटा प्रोटेक्शन बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर न्यूनतम 50 करोड़ रुपए से लेकर अधिकतम 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार केंद्र को मिल गए हैं। बता दें कि इस विधेयक के विरोध में पूरा विपक्ष खड़ा था। अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को ही 2024 का सेमीफाइनल बताया था। लोकसभा में तो सरकार का बहुमत था इसलिए आसानी से बिल पास हो गया। पेच राज्यसभा में फंसने वाला था जो कि बीजेडी और वाईआरएस कांग्रेस के सरकार के साथ आने से आसान होगा। राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा किया लेकिन गृह मंत्री ने इसे पेश किया और पास भी करवा लिया। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी केबाद कानून बन गया है जो कि पहले से लागू अध्यादेश की जगह ले रहा है।

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