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23 दिन में 10 जवानों ने दी जान

6 Sept 2023

अब सीआरपीएफ के सुपरवाइजिंग ऑफिसर पर एक्शन की तैयारी

नई दिल्ली| केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दस जवानों ने बीते 23 दिनों में आत्महत्याएं की हैं। इसे लेकर अब टॉप लेवल पर कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अब जहां पर इस तरह का मामला सामने आयगा वहां के सुपरवाइजिंग ऑफिसर पर एक्शन लिया जा सकता है। इसके तहत उनके एनुअल परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट पर असर पड़ेगा। सीआरपीएफ के जवानों और स्टाफ के बीच सुसाइड बीते कई सालों से चिंताजनक मामला रहा है। 2018 और 2022 के बीच फोर्स के 194 जवानों ने आत्महत्याएं की थीं। आत्महत्या के 10 नए मामले सीआरपीएफ की अलग-अलग यूनिट्स से सामने आए हैं। इनमें विशेष विंग, नक्सल विरोधी यूनिट कोबरा, जम्मू-कश्मीर यूनिट्स के पुलवामा व श्रीनगर, असम, ओडिशा और झारखंड जैसी जगहें शामिल हैं। इन आत्महत्याओं में विशिष्ट कोबरा फोर्स के एक इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी की मौत भी शामिल है।


इस मामले को लेकर कई स्तरों पर चर्चा हुई है। जवानों के बीच बढ़ती आत्महत्या दर को रोकने के लिए सुपरवाइजिंग ऑफिसर को अधिक जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पर्यवेक्षण अधिकारी की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में भी ऐसी घटनाओं का जिक्र होगा। इससे उनका प्रोमोशन प्रभावित हो सकता है। 2018 से 2021 के बीच सीआरपीएफ जवानों की आत्महत्या मामले में चिंताजनक वृद्धि हुई है। 2018 में 36 जवानों ने आत्महत्या की। 2019 में 40 जवानों ने सुसाइड किया। इसके अलावा, 2020 में 54 और 2021 में 57 ऐसे मामले सामने आए। 2022 में इसमें कुछ गिरावट दर्ज की गई, फिर भी यह संख्या 43 रही। इस साल 12 अगस्त से 4 सितंबर के बीच 10 जवानों ने आत्महत्याएं की हैं।


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