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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सांसद ने खेला ट्रम्प कार्ड

13 Aug 2023

अफीम नीति 2023-24 में इन किसानों को भी मिलेंगे पट्टे, वित्त मंत्री सीतारमण को सौंपा 21 मांगों का पत्र

नीमच। (सतीश सैन)


देश की राजधानी दिल्ली में मंदसौर-नीमच संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस दौरान सांसद ने आगामी अफीम नीति 2023-24 में डेढ़ लाख नए पट्टे जारी करने सहित अन्य मांगों के संबंध में एक पत्र भी सौंपा। इस दौरान सांसद गुप्ता के साथ चित्तौड़गढ़ सांसद व राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य भी मौजूद थे।


नीमच जिला अफीम उत्पादक जिला है। यहां बड़े पैमाने पर किसान अफीम की खेती करते हैं। प्रतिवर्ष वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अफीम नीति के अनुरूप काश्तकार अफीम की बोवनी कर शासन को सौंपते हैं। इसकी एवज में किसानों को सरकारी दर के अनुरूप राशि देय होती है। लेकिन गाढ़ता के प्रतिशत के नाम पर पूर्व में कई किसानों के पट्टे काट दिए गए हैं। इन किसानों को अब तक अफीम की खेती करने का अधिकार नहीं दिया गया है। किसान काटे गए पट्टों की बहाली के लिए समय-समय पर आवाज उठाते आए हैं। इनकी यह मांग आगामी अफीम नीति में पूरी होती दिखाई दे रही है। किसानों की इस मांग को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है। उन्होंने एक मांग पत्र भी वित्त मंत्री को सौंपा है। इस मांग पत्र में सांसद ने आगामी अफीम नीति 2023-24 में डेढ़ लाख नए पट्टे जारी करने की मांग की है। 


सांसद गुप्ता ने इन मांगों को लेकर सौंपा पत्र-


- लायसेंस पात्रता के लिए 5.9 किलोग्राम/हेक्टेयर मॉर्फिन औसत की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। मृतक किसानों के नामांतरण उनके उत्तराधिकारी जैसे पत्नी, पुत्र, पुत्री के अलावा मृतक किसान के विधिक/वैध वारिसान को दिए जाए। 

- अफीम नीति की घोषणा अगस्त माह में तथा लायसेंस वितरण सितम्बर माह के द्वितीय सप्ताह तक अनिवार्यत किया जाए। फसल वर्ष 1995-96 के पश्चात प्राकृतिक आपदा, कम औसत या विभिन्न कारणों से कटे हुए लायसेंस भी बहाल किये जावे।

- वंचित किसानों को पिछले 3 वर्ष की औसत गणना के आधार पर लाइसेंस प्रकिया में शामिल किया जाए। सभी किसानों को समान रूप से 10 आरी के लाइसेंस जारी किये जाए। गुणवत्ता पूर्ण मार्फिन औसत देने वाले किसानों के लिए बढे हुए भावों का टेरिफ बनाया जावे।

- सभी किसानों को एक से अधिक प्लॉटों में अफीम बोने की अनुमति दी जावे। वर्तमान समय में कृषकों के कृषि खर्चे की तुलना में उप्तादित फसल की लागत नहीं निकलती है, इसीलिए मूल्य वृद्धि इस वर्ष अवश्य की जाए। अफीम की गुणवत्ता का परिणाम लैब की बजाय तौल केंद्र पर ही कृषक को मिल सके ऐसी व्यवस्था की जाए। 

- पूर्व निर्धारित अफीम नीति में 1998 से 2003 तक लाइसेंस 5 वर्ष की औसत गणना के आधार पर जारी किए थे, जिसमें कई किसान खेती नहीं कर पाए थे उन्हें भी लाइसेंसी प्रक्रिया में शामिल किया जाए। 

- विभागीय आदेश की अवहेलना के कारण जो लाइसेंस रुके हुए व पिछले कुछ वर्षों में जारी कर दिए थे उनमें वर्ष 1998 तक के अफीम किसानों को जोड़ा जाए, 1995-96 से 2023 तक स्वैच्छिक जमा अफीम लाइसेंस जारी किए जाए। 

- एनडीपीएस एक्ट की प्रक्रिया व धाराओं पर पुन विचार के लिए एक कमेटी गठित की जाए एवं साथ ही (डोडाचुरा) में उपलब्ध नशीले पदार्थ की बहुत ही कम मात्रा के कारण इसे एनडीपीएस एक्ट की परिधि से बाहर किया जावे।

- जिन कृषकों को वर्तमान अफीम लायसेंस नीति से जोड़ा जा रहा है उन्हें लायसेंस लेने के लिए अफीम कार्यालय या मुखिया निवास पर न बुलाया जावे उन कृषकांे के निवास पर लायसेंस पहुंचाए जाए या मोबाईल द्वारा सन्देश भेजा जाये।

- जो कृषक वर्ष 2014-13 की भीषण ओलावृष्टी में लायसेंस खोये थे, उन कृषकों के पास दस्तावेजी प्रमाण है वो कृषक पूर्ववर्ती वर्षों में प्रक्रिया में नहीं जुड़ पाए उन्हें प्रक्रिया में जोड़ा जाए।

- 1995-96 से वर्तमान तक जितने भी लाइसेंस धारी किसान परिवार रहे हैं उन्हें वर्तमान पद्धति या सीपीएस पद्धति अंतर्गत लाइसेंस प्रकिया से पुनः जोड़ा जाए। ताकि पोस्तादाना का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

- सीपीएस पद्धति अंतर्गत निकले जाने वाले डोडाचूरे के भंडारण हेतु प्रस्तावित औद्योगिक इकाई एवं कारखाने का शीघ्र निर्माण कराया जावे।

- आगामी वर्ष 2023-24 की अफीम नीति में एक लाख 50 हज़ार पात्र कृषकों को लायसेंस प्रदान किया जाए।

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