
24 Jul 2023
राजाधिराज की तीसरी सवारी में शामिल हुए मुख्यमंत्री
उज्जैन। श्रावण मास की तीसरे सोमवार पर बाबा महाकाल शिव तांडव स्वरूप में भक्तों को दर्शन देने के लिए परंपरागत मार्ग पर निकले। बाबा की सवारी में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री उज्जैन पहुंचे थे। चांदी की पालकी में बाबा का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप, हाथी पर मन महेश स्वरूप और गरुड़ रथ पर शिव तांडव स्वरूप में विराजित है। बाबा के तीन रूपों के दर्शन कर भक्त अभिभूत हो गए।

श्रावण भादो मास में राजाधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए अनादि काल से नगर भ्रमण कर रहे हैं। सावन का तीसरा सोमवार होने पर बाबा महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से धूमधाम के साथ निकाली गई। बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह उज्जैन पहुंचे थे। शाम 4 बजे महाकाल सभा मंडपम में बाबा का विधि विधान के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी ने पूजन किया। सभा मंडपम से बाबा की चंद्रमौलेश्वर स्वरूप प्रतिमा चांदी की पालकी में विराजित किए गए। हाथी पर मन महेश स्वरूप और गरुड़ रथ पर शिव तांडव स्वरूप विराजित था। बाबा की पालकी मंदिर द्वार पर आते ही पुलिस प्रशासन द्वारा बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जहां से बाबा की सवारी शाम 5 बजे शिप्रा नदी के राम घाट पर बाबा का पूजन अर्चन किया गया। जहां से बाबा अपने भक्तों को दर्शन देने और हाल जानने के लिए परंपरागत मार्ग पर पहुंचे। सवारी मार्ग पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी बाबा महाकाल की धर्म ध्वजा थामे चल रहे थे। मुख्यमंत्री के साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल मौजूद थे। सवारी के दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा के भक्तों का हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया। देर शाम 7:45 पर बाबा की पालकी पुनः महाकाल मंदिर पहुंच गई थी। इस बार श्रावण भादो मास में बाबा की 10 सवारी निकाली जा रही है चौथी सवारी 31 जुलाई को धूमधाम के साथ निकाली जाएगी।

श्रावण के तीसरे सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी मंदिर से निकाली गई। सवारी में रजत पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रूप में, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में व बैलगाड़ी में गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव स्वरुप में नगर भ्रमण पर निकले।इससे पूर्व मंदिर के सभामंडप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार भगवान के श्री चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप का पूजन-अर्चन किया। श्री चौहान सवारी में पैदल चले और जनअभिवादन स्वीकार किया।
सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधि विधान से पूजन किया । पूजन पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा करवाया गया । भगवान की आरती की गई।इसके उपरांत भगवान के चंद्रमौलेश्वर रूप को रजत पालकी में सवार कर गणमान्यजनों ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।सवारी से पूर्व दोपहर में उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री ने सपरिवार गृर्भगृह में धर्मपत्नि श्रीमती साधना सिंह एवं पुत्र कार्तिकेय एवं कुणाल के साथ भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक कर सबके कल्याण, स्वास्थ्य, सभी सुखमय रहे इस हेतु से संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के साथ-साथ जीव चराचर के कल्याण की कामना की। पूजन पुजारी अभिषेक शर्मा(बाला गुरु), पुरोहित सुभाष शर्मा ने संपन्न करवाई।सवारी के दौरान मुख्यमंत्री पालकी के घेरे में सपरिवार चल रहे थे।इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।सवारी परंपरागत मार्ग से रामघाट पहुंची यहां मुख्यमंत्री ने सपत्नीक भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजन अर्चन किया।रामघाट से सवारी ढाबा रोड होती श्री गोपाल मंदिर पहुंची यहां पर भगवान का सिंधिया परिवार की और से परंपरागत पूजन मंदिर के पूजारियों ने किया। इसके बाद सवारी पटनी बाजार,गुदरी,महाकाल चौराहा से होती हुई मंदिर पहुंची।
तीन ड्रोन से आसमान से नजर-
एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि तीसरी सवारी के दौरान सुरक्षा बतौर पुलिस ने आसमान से तीन ड्रोन उड़ाकर से पूरे समय सवारी एवं पालकी पर नजर रखी।इसके साथ ही करीब एक हजार पुलिस कर्मी एवं अधिकारी का फोर्स सवारी मार्ग एवं विभिन्न स्थलों पर तैनात किया गया था।नगर सुरक्षा समिति के तीन सौ से अधिक सदस्यों को भी विभिन्न स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया था।