
31 Aug 2023
इन्दौर कै लिए मिल का पत्थर साबित होगी मेट्रो
इन्दौर(शैलेंद्र कश्यप)। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर जल्द ही मेट्रो सिटी के रूप में भी जाना जाएगा। बता दें कि, सितंबर महीने में मेट्रो का ट्रायल होना है, जिसको लेकर दिन रात काम म हो रहा है। 3000 वर्कर्स 24 घंटे काम कर रहे हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि तय समय पर मेट्रो का ट्रायल हो जाएगा। ऐसे में लंबे समय से मेट्रो कोच का इंतजार हो रहा था जो कि अब इंदौर पहुंच चुके हैं,गुरुवार को गुजरात से आए तीन कोच को फोर प्वाइंट जेक क्रेन के जरिए ट्रेलर से उतार कर पटरियों पर रखा गया|
आज का दिन इंदौर की तारीख़ में मील का पत्थर साबित होगा। गुजरात से इंदौर पहुँचे मेट्रो ट्रेन के कोच इंदौर के धरती पर उतरे। इंदौर अब मेट्रो की दुनिया में क़दम रखने जा रहा है|
इंदौर में मेट्रो का सपना साकार होने की दिशा में आज एक और उपलब्धि मिली। मेट्रो के कोच आज इंदौर की जमीन पर उतरे। मेट्रो का ट्रायल रन सितंबर माह में प्रस्तावित है।
सांसद श्री शंकर लालवानी ने पूजन अर्चन कर मेट्रो के कोच उतरने की कार्रवाई संपन्न की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा विकास की राह में दूरगामी प्रभाव छोड़ने वाले महत्वपूर्ण कार्यों को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इंदौर में मेट्रो परियोजना भी धरातल पर उतर रही है।
बड़ौदा से सात दिन का सफर तय कर मेट्रो के कोच इंदौर की सीमा तक पहुंचे। जहां इंदौर की सरजमीं पर उतारने के लिए क्रेन की सहायता से इन्हे पटरी पर उतारा गया,जिसका लंबे समय से इंतजार चल रहा था।
गुरुवार का दिन इंदौर शहर के इतिहास में दर्ज हो गया, जहां पिछले कई सालों से चली आ रही मेट्रो ट्रेन की मांग पूरी हुई और आज मेट्रो ट्रेन के तीन कोच हकीकत के धरातल पर उतारे गए। गुजरात के सांगली से सात दिन पहले रवाना हुए कोच 74 पहियों के तीन अलग अलग ट्रेलर के माध्यम से इंदौर पहुंचे। जहां इन तीनों कोच को मेट्रो ट्रेन के स्टेबलिंग यार्ड में पहुंचाया गया। जहां एमपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इन्हे ट्रेलर से उतरने के लिए विशेष किस्म की फोर प्वाइंट जेक क्रेन को पहले से इंस्टाल किया हुआ था वहीं मेट्रो के अधिकारी शोभित टंडन के नेतृत्व में इंजीनियरों की पहले से तैनात थी। पहले एक कोच को क्रेन के नीचे खड़ा किया गया जिसके बाद इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और मेट्रो के अधिकारियों ने मिलकर विधिवत रूप से नारियल फोड़कर कोच उतारने की प्रक्रिया शुरू की। करीब आधे घंटे के इस प्रोसेस में कोच को पटरियों पर उतारा गया। इस बारे में चर्चा करते हुए मेट्रो के अधिकारी शोभित टंडन ने बताया कि यह कोच विश्व की सबसे आधुनिक तकनीकों से बना हुआ है जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद ही अहम है जिसमें सुरक्षा के कई संसाधन लगाए गए हैं, वहीं मेट्रो के ट्रायल को लेकर टंडन का कहना है कि ट्रेक पर उतरने के बाद लगातार इसकी तैयारी की जा रही है|
मेट्रो कोच साठ टन से भी ज्यादा वजनी है। इस वजह से जिन सत्तर पहियों के ट्रेलर की सहायता से गुजरात से इंदौर पहुंचने में सात दिन लगे। यह ट्रेलर एक दिन में 30 से 40 किलोमीटर ही चलता है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के मुताबिक देर रात सड़कों पर ट्रैफिक कम होने पर उन्हें गांधी नगर मेट्रो स्टेशन पर रखा गया।
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य दिन रात जारी है और यात्री सेवा शुरू करने से पहले इस लोक परिवहन साधन को इस महीने की 14 सितंबर को करीब छह किलोमीटर के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर परख लिया जाएगा. जिसके बाद इंदौर शहर के लिए एक बड़ा स्वप्न सच होने जा रहा है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब तक ट्रायल रन संभव नहीं हो पाया था. करीब सात हजार पांच सौ करोड़ रुपए की कुल लागत से यह योजना पूरी की जाएगी. लेकिन आम इंदौरी को मेट्रो में सफर करने के लिए और अधिक इंतज़ार करना पड़ेगा|
मेट्रो के लिए 31.5 किलोमीटर रूट में 29 स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिसमें एक स्टेशन की लागत 58 करोड़ है, जबकि अंडर ग्राउंड स्टेशन की लागत 190 करोड़ आ रही है. इसी तरह गांधीनगर में बनने वाले मेट्रो डिपो के लिए कुल 500 करोड़ रुपए ख़र्च किए जा रहे हैं।
मेट्रो निर्माण से राहगीरों को अभी भी दिक्कत
मेट्रो रेल परियोजना के चलते सामान लाने-ले जाने के लिए शहर की सड़कों से भारी वाहन गुजर रहे हैं, जिस वजह से सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं. जिससे आम राहगीरों को दिक्कत होती है. इसके अलावा सालों से लगे बैरिकेड्स भी ट्रैफिक दिक्कतों को बढ़ा रहे हैं. इसलिए जरूरी है कि मेट्रो का काम जल्द निपट जाए|
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने बताया कि लगभग 14 सितंबर को संभवतः मेट्रो के छह किलोमीटर का ट्रायल रन हो जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शामिल होने की पूरी संभाना है,लेकिन इंदौर शहर की आम जनता मेट्रो का सफर 2024 के शुरू या मध्य में ही कर पाएंगी. यह प्रोजेक्ट बड़े स्तर का है इसलिए इसमें देरी लगना स्वभाविक है|

मनीष सिंह, एम डी एम पी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन
इस बारे में चर्चा करते हुए मेट्रो के एडिशनल डायरेक्टर शोभित टंडन ने बताया कि यह कोच विश्व की सबसे आधुनिक तकनीकों से बना हुआ है जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद ही अहम है जिसमें सुरक्षा के कई संसाधन लगाए गए हैं, वहीं मेट्रो के ट्रायल को लेकर टंडन का कहना है कि ट्रेक पर उतरने के बाद लगातार इसकी तैयारी की जा रही है वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा तय की गई 14 सितंबर या मध्य सितंबर में करीब छह किलोमीटर ट्रेक पर इंदौर की पहली मेट्रो ट्रेन का ट्रायल किया जा सकता है।

शोभित टंडन, एडिशनल डायरेक्टर एम पी मेट्रो कॉर्पोरेशन
इंदौर मेट्रो रूट मैप
इंदौर मेट्रो रूट में ओवरलैपिंग और ब्रांचिंग लाइनों के साथ 100-107 किलोमीटर का नेटवर्क शामिल है। अंतिम मेट्रो रूट को 4 लाइनों में विभाजित किया गया है, जिसमें से एक लाइन रूट निर्माणाधीन है। बाकी मॉडल संगठनों और सरकार को प्रस्तावित हैं।
इंदौर में सड़क जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जिससे अनावश्यक देरी हो रही है। लेकिन, कुछ दिनों में इंदौर मेट्रो हर कुछ मिनटों में प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी, जिससे आप यात्रा करते समय समय बचा सकते हैं।इंदौर मेट्रो रेल पहल शहर के सभी अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्रों को नए विकासशील क्षेत्रों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और एबीडी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में जोड़कर शहर के 30 लाख निवासियों की मदद करेगी। मेट्रो सेवाओं से इंदौर शहर की रफ्तार सात गुना बढ़ने की उम्मीद है। इंदौर शहर में, बसें लगभग 3000 + यात्रियों को प्रति घंटे परिवहन करती हैं, लेकिन मेट्रो 22,000 से अधिक यात्रियों को प्रति घंटे परिवहन कराने की उम्मीद है|
इंदौर मेट्रो मध्य प्रदेश के इस हलचल भरे शहर में समय पर और लागत प्रभावी सेवा प्रदान करके सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या को दूर करेगी। इसके अलावा, इंदौर के नागरिक कम समय के भीतर बड़ी दूरी तय करते हुए कई तरह की सुविधाओं का आनंद ले सकेंगे।
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