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Gulana MP: साफ छवि और ईमानदार मंत्री के सपनों की सुंदर सीएम राइज बिल्डिंग से झांक रहा ठेकेदार की ऐब का धब्बा

30 Jun 2023

मध्य प्रदेश की पहली सीएम राइज बिल्डिंग में ठेकेदार ने नहीं छोड़ी भ्रष्टाचार में कोई कोर कसर

गुलाना से किशोर नाथ राजगुरु की ख़बर


लगभग 45 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत बनी यह बिल्डिंग बाहर से तो दुल्हन सी लग रही और अंदर हाथ लगाते ही बगैर सीमेंट की बालू रेत सर्र से गिर रही है।


लोकार्पण के पूर्व सज धज कर बाहर से दुल्हन की तरह लग रही लगभग 45 करोड़ के प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनी इस सीएम राइज स्कूल की बिल्डिंग को देख बाहर बेल बूटा व अंदर पेंदा फूटा, कहावत बिल्कुल चरितार्थ हो रही है। क्योंकि इस बिल्डिंग की सजावट बाहर से तो देखने में लोगों को आकर्षित कर रही है, लेकिन अंदर जाकर देखें तो कई जगह दीवारों पर हाथ लगाने से ही सीमेंट की परत के अंदर से बगैर सीमेंट की बालू रेत सर्र से गिर रही है। हाथ लगाने पर गिरता मलबा यह बता रहा है कि ठेकेदार द्वारा किस तरह से इस करोड़ों के निर्माण में भ्रष्टाचार की सेंध लगाई गई है।


जी हां बिल्कुल, लोकार्पण के पूर्व एकदम सजी-धजी सीएम राइज स्कूल कि यह आकर्षक भव्य बिल्डिंग गुलाना की है। जो कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की विधानसभा में ही है। शिक्षा का स्तर सुधारने एवं बच्चों के भविष्य को बेहतर तरीके से संवारने के लिए सरकार सीएम राइज स्कूल के माध्यम से करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। लेकिन करोड़ों की लागत से बनी गुलाना कि इस बिल्डिंग में आंतरिक गुणवत्ता की बात करें तो ऐसा लगता है, कि मंत्री जी के सपनों की इस सजी धजी सीएम राइज बिल्डिंग में संबंधित ठेकेदार ने बाहर की सजावट के अंदर भ्रष्टाचार की एब का धब्बा छोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।

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मंत्री जी के अथक प्रयास से मिली गुलाना को पहली सीएम राइज बिल्डिंग

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शिक्षा का स्तर बेहतर करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं। इसी के चलते स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के अथक प्रयासों से गुलाना को सीएम राइज स्कूल की सौगात मिली, स्कूल के साथ करोड़ों रुपए की बिल्डिंग भी मिल गई। जो कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। प्रदेश में सीएम राइज स्कूल की यह पहली बिल्डिंग है। जो सबसे पहले बनकर तैयार हो गई। लेकिन जिम्मेदारों की बेपरवाही के कारण यह करोड़ों की बिल्डिंग ठेकेदार के हाथों भ्रष्टाचार के पलीते का शिकार हो गई, यह एक अलग बात है।

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सरकार के बेहतर मंसूबों पर पानी फेरने जैसा काम किया है ठेकेदार ने

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गुलाना में सीएम राइज स्कूल बिल्डिंग के लोकार्पण में प्रदेश के मुख्यमंत्री के आने की लगभग 5 जुलाई प्रस्तावित है। इसके लिए आनन फानन में प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं। वही दूसरी ओर पत्रकारों के साथ बिल्डिंग के अंदर गए समाजसेवी एवं ग्राम पंचायत गुलाना के उप सरपंच संजय पितले व भाजपा पदाधिकारी मुकेश बंगला ने पत्रकारों के साथ निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखी। कई जगह दरकी दीवारों की एब को ठेकेदार द्वारा बार-बार लीपापोती कर दबाया जा रहा है। कई जगह हाथ लगाने पर ही सीमेंट की परत के अंदर से बगैर सीमेंट की बालू रेत धर्र करके बाहर आ रही है। सीमेंट की परत के अंदर सूखी बालू रेत भरी हुई है। कई जगह हाथ लगाने पर ही मटेरियल जमीन पर गिर रहा है। दोनों ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहां की सरकार की बेहतर सोच एवं मंत्री जी के मंसूबों पर पानी फेरने जैसा ठेकेदार ने बिल्डिंग में घटिया निर्माण किया है।

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जिम्मेदारों की लापरवाही भी है घटिया निर्माण का कारण

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मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग बोर्ड के द्वारा इस सीएम राइज स्कूल बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। मंत्री जी के अलावा कई नेता, जनप्रतिनिधि एवं जिला कलेक्टर के साथ कई प्रशासनिक अधिकारियों का भी यहां पर आना जाना लगा रहा। लेकिन सभी लोग शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन एवं सीएम राइज स्कूल कि सुविधाओं की प्रशंसा, बिल्डिंग के आकर्षक रंग रोगन के साथ परिसर में लगे रंग-बिरंगे फूलों के पौधों की रौनक देख चले गए। शायद किसी भी जिम्मेदार ने बिल्डिंग के निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। इसीलिए इस भव्य बिल्डिंग का घटिया निर्माण बाहरी सजावट पर एब का काम कर रहा है। और बाहरी सजावट पर आंतरिक एब का धब्बा भारी पड़ रहा है।

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निर्माण के दौरान ठेकेदार ने किसी को अंदर जाने ही नहीं दिया

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बिल्डिंग की गुणवत्ता को लेकर यहां काम करने वाले कई लोगों ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर कई दीवारें बुरी तरह क्रेक हो रही है, जिन्हें कई बार लीपापोती कर एब को दबाने की कोशिश भी की गई है। वही संजय पितले के साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें निर्माण के दौरान कभी ठेकेदार के द्वारा अंदर घुसने ही नहीं दिया गया। ताकि आम लोगों को निर्माण की गुणवत्ता की जानकारी हो सके। मामले में जब कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से बात करना चाही तो इन्होंने फोन तक नहीं उठाया।

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