
10 Jul 2023
अमेरिका में बने ओल्ड ऐज होम और हॉस्पिस सेंटर का कड़वा सच
अमेरिका में ओल्ड ऐज होम और हॉस्पिस सेंटर तो पहले भी देखे थे। कभी बेटी के जन्म दिन के उपलक्ष्य में वहाँ जाना हुआ था। किंतु गत हफ़्ते एक विचित्र जगह जाना हुआ। कुछ वर्ष पूर्व एक अति बुजुर्ग शिक्षाविद्य सर को अरेबिक हिस्ट्री एंड स्टडीज़ के सिलसिले में थोड़ी बहुत मदद की थी तो सर से काफ़ी जान पहचान हो गई। सर और उनकी पत्नी अपने बड़े घर को बेच कर एक नये मुहल्ले में शिफ्ट हुए और उन्होंने चाय पर बुलाया।
ऐसा मुहल्ला इतने सालों में पहले कभी ना देखा। पूरा मुहल्ला बुजुर्ग लोगों से ही भरा हुआ- सब घरों में केवल बुजुर्ग। घरों की संगरचना एक जैसी- केवल ग्राउंड फ्लोर। दो तीन बेडरूम- गराज आगे की तरफ़। पीछे छोटा सा सनरूम। सर अस्सी के हो चुके है और मेम ७५ की। घर पर पुराने विनाइल रिकॉर्ड्स बीटल्स आदि के देखें सुने। मेम मेरी बिटिया को आर्ट भी सिखाती है-तो वो हमेशा उनसे हिलीमिली रहती है।
मुहल्ले में अनेक बुजुर्ग लोगों के पास गोल्फ कार्ट- केवल मुहल्ले में घूमने वास्ते। कोई ईसा मसीह प्रेयर ग्रुप चलाता , कोई बारबेक्यू पार्टी करता, कोई क्लब हाउस में ब्रिज क्लब चलाता। कुल मिलाकर सब वृद्ध जन आपस में व्यस्त। बातचीत में आगे ज्ञात हुआ हर दो एक साल में कोई ना कोई घर ख़ाली होता जाता है- कोई ना कोई वृद्ध ईश्वरधाम जाने के बाद घर ख़ाली और अगला बुजुर्ग इधर रहने आता है। ख़ासी वेटिंग लाइन भी है।
दो ढाई घंटा इधर रहने के बाद बनारस के मुक्तिधाम वाले कहानी क़िस्से आँखों समक्ष तैर गये। इधर का मुक्ति धाम ये मुहल्ला है। इधर शिफ्ट होने का अर्थ है अब केवल प्रतीक्षा है अंतिम पल की।
जीवन का केवल एक ही सच है- मृत्यु।
मृत्यु की प्रतीक्षा इस तरह से अमेरिका में होती है- उसका जीता उदाहरण इस प्रकार देखा।