
22 Aug 2023
शहर में दिखा अव्यवस्थाओं का अंबार
उज्जैन। बाबा महाकाल की सातवीं सवारी के साथ नाग पंचमी के संयोग पर धार्मिक नगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासन 40 मिनट में नाग चंदेश्वर मंदिर के दर्शन कराने का दावा किया था लेकिन श्रद्धालुओं के डेढ़ से 2 घंटे का इंतजार करना पड़ा। शहर में की गई व्यवस्था भी फेल दिखाई दी। रविवार रात से ही महाकाल मंदिर के आसपास पैर रखने की जगह नहीं बची थी। सोमवार को मंदिर की ओर जाने वाले मार्गो पर ही जाम के हालात दिखाई दिए।
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में 11 अक्टूबर 2022 को श्री महाकाल महलोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इसके बाद से ही धार्मिक नगरी में आस्था का सैलाब दिखाई दे रहा है। इस बीच 19 वर्षों बाद अधिक मास के साथ श्रावण मास और सोमवार को बने नाग पंचमी के 19 वर्षों बाद अधिक मास के साथ श्रावण मास का संयोग पर शहर में सिंहस्थ महाकुंभ जैसा नजारा दिखाई दिया। जहां वर्ष में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले थे वहीं बाबा महाकाल की शाही सवारी होने पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु आस्था लेकर दर्शनों के लिए पहुंचे थे। प्रशासन ने भगवान नागचंद्रेश्वर के श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का 40 मिनट का दावा किया था लेकिन श्रद्धालुओं को डेढ़ से 2 घंटे का इंतजार करना पड़ा। नाग चंदेश्वर मंदिर तक पहुंचाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की लंबी कतार ढाई से 3 किलोमीटर अधिक लंबी दिखाई दे रही थी।
भगवान नागचंद्रेश्वर के साथ ही बाबा महाकाल के दर्शन करने में भी श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। मंदिर के आसपास हालात यह थे कि भीड़ में महिलाएं और बच्चे परेशान दिखाई दे रहे थे। प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर और प्रवेश द्वार तक व्यवस्थाएं की थी लेकिन मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। जहां इंदौर रोड हरी फाटक ब्रिज की ओर से मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर जाम के हालात बने थे वहीं देवास गेट बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की ओर से मंदिर तक पहुंचाने का मार्ग भी मुसीबत भरा था। सबसे ज्यादा बिगड़े हालत बेगम बाग, जयसिंह पुरा इंटरप्रिटेशन मार्ग, चार धाम मंदिर मार्ग, नरसिंह घाट, बड़नगर रोड से आने वाले महाकाल मंदिर मार्ग, हरसिद्धि माता मंदिर चौराहा पर दिखाई दे रहे थे। मुख्य मार्ग के साथ ही मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों की गलियों में भी जाम दिखाई दे रहा था। व्यवस्था के लिए तैनात किए गए पुलिस कर्मी नजर नहीं आ रहे थे जिसके चलते श्रद्धालुओं को बमुश्किल मंदिर तक का सफर तय करना पड़ा।
चालक रास्ते बंद होने का देते रहे हवाला
महाकाल लोक बनने के बाद से ही शहर में ई-रिक्शा चलाने वालों की संख्या 10,000 से अधिक पर हो चुकी है। वही सीएनजी ऑटो की संख्या की 5 से 6 हजार से अधिक है। इस बीच मैजिक की संख्या भी कम नहीं है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सबसे अधिक लूटपाट ई रिक्शा चालकों द्वारा की जा रही है। सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी और नाग पंचमी का पर्व होने पर धार्मिक नगरी में पहुंच रहे श्रद्धालुओं के साथ चालकों ने 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के डेढ़ सौ से 200 रुपए वसूल किए। चालकों द्वारा श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते बंद होने और लंबा सफर तय करने का हवाला दिया जा रहा था। बाहर से आने वाले श्रद्धालु दर्शन की आस लेकर पहुंचे थे उन्होंने सफर का किराया नहीं देखा और चालकों की बात मानी लेकिन उनके साथ धोखा ही होना सामने आया। ई रिक्शा चालकों ने उन्हें मंदिर के पास तक छोड़ने की बात कही थी लेकिन एक ऐसे मार्गो पर छोड़ दिया कि जहां से मंदिर तक पहुंचाने के लिए पैदल डेढ़ से 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ गया।
पार्किंग में फंसे दिखाई दिए वाहन

प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को पार्किंग में खड़े करने की व्यवस्था की थी लेकिन पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई दिखाई दी। पार्किंग में वाहन खड़े करने के लिए अंदर जाने का रास्ता तो था लेकिन वापस बाहर निकालने के लिए व्यवस्थित रास्ते नहीं थे जिसके चलते मंदिर से वापस लौट कर आने वाले श्रद्धालुओं को अपना वाहन निकालने के लिए घंटो का इंतजार करना पड़ गया। पार्किंग फुल होने के बाद आसपास भी चार पहिया वाहन पार्क कर दिए गए थे। पार्किंग के साथ डायवर्सन मार्ग का प्लान जारी किया गया था यह प्लान भी फेल हो गया। डायवर्सन मार्ग पर भी जाम के हालात थे। सबसे अधिक परेशानी शहर वासियों को उठानी चाहिए जिन्हें अपने घरों तक पहुंचने के लिए अपने दो पहिया वाहनों को दूर खड़ा कर पैदल जाना पड़ा।