
20 Jul 2023
बारिश के मौसम में पीने के पानी को तरसे लोग, पुराने शहर में देर शाम हुई सुबह की पेयजल सप्लाई
उज्जैन। हरसिद्धि पाल क्षेत्र में सीवेज स्टॉप वाटर लाइन चौक होने से गुरुवार को सुबह जल प्रदाय नहीं हो पाया । पीएचई कर्मी दिनभर सुधार कार्य करते रहे। तब कहीं जाकर शाम को पेयजल सप्लाई हुआ। स्मार्ट सिटी कंपनी की गलती का खामियाजा शहरवासियों ने भुगता।

गुरुवार को सुबह पुराने शहर में जलप्रदाय नहीं हो पाया। इसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके पीछे कारण यह रहा कि स्मार्ट सिटी कंपनी ने नगर निगम और पीएचई के अधिकारियों को बिना जानकारी दिए सीवेज लाइन को स्टॉप लाइन से जोड़ दिया। इसके कारण हरसिद्धि पाल पर 1600 एमएम की सीवेज स्टॉप वाटर लाइन बुधवार रात चौक हो गई। पीएचई के सहायक यंत्री मनोज खरात के मुताबिक विभाग द्वारा देर रात तक इसे साफ करने की कोशिश की गई, लेकिन चैंबर साफ नहीं हो सका। इस कारण पीएचई ने तय किया कि गुरुवार सुबह उज्जैन उत्तर क्षेत्र में जलप्रदाय सुबह साढ़े सात की जगह 10 बजे से किया जाएगा। परंतु इस समय तक सुधार कार्य नहीं हो पाया। जानकारी लगने पर गुरुवार सुबह जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने भी अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने चौक लाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पेयजल प्रदाय का समय इसलिए बदला गया, क्योंकि पानी नालियों में अधिक ढोलने से प्रेशर बढ़ जाता और गंदा पानी रामघाट पर नदी में फिर से मिलने लग जाता।
गंदे पानी की निकासी स्टॉप लाइन से जोड़ दी
स्टॉप लाइन चौक होने के पीछे बड़ा कारण यह भी सामने आया है कि स्मार्ट सिटी ने गंदे पानी के निकासी की लाइन को भी स्टॉप लाइन से जोड़ दिया है, जबकि स्टॉप लाइन रूद्रसागर के गंदे पानी की निकासी के समय तत्कालीन महापौर रामेश्वर अखंड के समय 2008-09 में डाली गई थी। उस दौरान भी जल कार्य समिति के प्रभारी प्रकाश शर्मा ही थे।
मलबा और कचरा निकालने में मशक्कत करनी पड़ी
पीएचई ने पहले सुबह 10 बजे से जलप्रदाय करने की तैयारी की थी, लेकिन हरसिद्धि पाल के चैंबर में कचरे के साथ मलबा और तरापे भी फंस गए। इस कारण जेसीबी बुलानी पड़ी। चैंबर की सफाई में देरी होने के कारण स्टॉप लाइन चालू नहीं हो सकी। इस कारण सुबह तय किया गया कि शाम तक ही जलप्रदाय किया जा सकेगा।
पत्र लिखकर शिकायत करेंगे समिति प्रभारी
जल कार्यसमिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि नगर निगम और स्मार्टसिटी के बीच समन्वय बनाने के लिए वे कलेक्टर और निगमायुक्त सहित मंत्री, सांसद, विधायक और महापौर को पत्र लिखेंगे। जिसमें महापौर और एमआईसी से पूछे बगैर कोई काम स्मार्ट सिटी द्वारा न किया जाए। कोई भी योजना लागू करने से पहले निगम और पीएचई की भी सहमति ली जाए तथा समन्वय बनाकर काम किया जाए।