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हे राम … भूमाफिया गिरोह में सांसद प्रतिनिधि पुनित जैन भी शामिल !

13 Jun 2023

बैंक मैनेजर,तहसीलदार,दलाल,घोटाले का खरीददार,सांसद प्रतिनिधि पर किसानों का आरोप

उज्जैन.दैनिक मालवा हेराल्ड । हे राम… शेम… शेम…भूमाफिया गिरोह में शामिल बैंक मैनेजर ,बैंक दलाल,घोटाले का खरीददार ,तहसीलदार,सांसद प्रतिनिधि ने ये क्या गूल खिला दिया। गिरोह ने माफिया की तरह मिली भगत करते हुए घट्टिया तहसील में किसानों की करोड़ों की जमीन को कोडियों के दाम खरीदा गया।किसान क्रेडिट कार्ड लोन की आड़ में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है।ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर इसकी शिकायत कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को की है।


किसान क्रेडिट कार्ड लोन की आड़ में किसानो की जमीनें हड़पने वाले बड़े रैकेट का खुलासा जनसुनवाई में हुआ है। 30 से ज्यादा किसान जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने भूमाफिया पुनीत जैन, दलाल राजेश रमानी, विनोद मुलानी,तहसीलदार डा.मधु नायक का नाम लेकर किसानों की करोड़ो की जमीन कौड़ियों में नीलाम करने का करोड़ो का घोटाला उजागर किया है।

किसानों की शिकायत पर गिरोह के सभी सदस्यों पर हाल ही में कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने एक मामले में शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। इस घोटाले को अंजाम देने में और भी लोग शामिल हैं। शिकायतों के चलते सांसद प्रतिनिधि पुनीत जैन की परेशानियों के बढने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं।


शिकायत के अनुसार सामने आ रहा है कि कर्नाटक बैंक के मैनेजर संदीप कुमार , बैंक दलाल राजेश रामानी , तहसीलदार मधु नायक और सांसद प्रतिनिधि पुनीत जैन एवं अन्य ने मिलीभगत से अन्नदाता किसानों को अपने जाल में उलझाया है। इन्होंने उन किसानों को फंसाया जो शासकीय योजनाओं के तहत ऋण लेते हैं। इनमें जो किसान एक या इससे ज्यादा बैंक की किश्त चूक जाते हैं ।इसके बाद बैंक के वसूली दलाल की मदद से किसान को फंसा कर उनकी ज़मीन ज़ायदाद औने पौने दामों में नीलाम करवा देते हैं।गैंग में शामिल खरीददार कम किमत में किसान की जमीन खरीदता है और वही ज़मीन कई गुना भाव में बेच कर सभी मिलकर भारी मुनाफ़ा कमाते हैं। ऐसे कई मामलों में मनमाना ऋण भी वसूला गया और ब्याज़ की क़िस्त के लिए किसान का गाड़ी, घोड़ा, ज़ायदाद, गाय ढोर, तक बेच कर ब्याज़ की अदायगी करवाई गई है।

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किसानों की करोड़ो की जमीनें कोडियों के दाम खरीदकर घोटाला किया

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5 मई को ऐसे ही एक मामले में घट्टिया तहसील के रहवासी नागू सिंह की शिकायत पर जाँच में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दोषी पाते हुए तात्कालीन तहसीलदार मधु नायक जो वर्तमान में शाजापुर में पदस्त हैं के विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश दिए हैं । इसके साथ ही कर्नाटक बैंक को 5 दिनों के अंदर किसान नागू सिंह को उनसे अवैध वसूली गई राशि मय ब्याज़ के वापस लौटने के निर्देश दिए हैं। वहीं दलाल राजेश रामानी और सांसद प्रतिनिधि पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सप्ताहभर बीतने के बाद भी आरोपियों पर ना तो कोई कार्यवाही ही हुई है और ना ही किसान को बैंक ने राशि ही लौटाई है।खास तो यह है कि किसान जब स्थानीय स्तर पर प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों के पास पहुंचे तो ऐसे मामलों में पुख्ता कार्रवाई की बजाय सांसद प्रतिनिधि का नाम सामने आने पर उन्हें बरगला कर रवाना कर दिया गया है।आक्रोशित किसान अब मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भोपाल का रूख करने जा रहे हैं। नागू सिंह के मामले में कलेक्टर के आदेश के बाद झितरखेड़ी, मलनवास,चैनपुर हँसखेड़ी,सुमराखेड़ी,आजमपुरा सहित अन्य ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है।


जिन किसानों के साथ घोटाला किया गया है उनमें शामिल घट्टिया के ग्राम सलामत निवासी प्रेमबाई पति विक्रम सिंह की बेशकीमती 16 बीघा जमीन मात्र 12 लाख के ऋण के एवज में 30 लाख में नीलाम कर दी गई है इस जमीन की कीमत करोड़ों में है। चैनपुर हँसखेड़ी विक्रम नगर के पास के किसान कमल सिंह की 12 बीघा जमीन साढ़े 12 लाख के कर्ज के एवज में मात्र 31 लाख में नीलाम कर दी गई। इस जमीन की किमत बाजार में 3 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। फ़ारुख खान ने कर्नाटक बैंक से 8 लाख का ऋण लिया था। इनकी एक करोड़ की 5 बीघा ज़मीन 24 लाख में ही बेच दी गई। हँसखेड़ी के किसान कमल सिंह ने बताया कि इन लोगों ने बग़ैर किसी सूचना के मेरी ज़मीन नीलाम करके बेच दी और कागजो में गवाह एक मृत व्यक्ति को बनाया जो भगवान के पास 50 साल पहले ही जा चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि राजस्व रेकार्ड में दर्ज मृतक ने क्या मरने के बाद आकर कागज़ों पर हस्ताक्षर किए हैं। सामने आ रहा है कि किसानों के साथ कर्नाटक बैंक के मैनेजर संदीप कुमार , तहसीलदार मधु नायक , दलाल राजेश रमानी और सांसद प्रतिनिधि पुनीत जैन ने गिरोहबद्ध होकर षड़यंत्र को अंजाम दिया है। सभी किसानों की जमीनों की नीलामी में खरीददार विनोद मुलानी ही है। इस निलामी में नियमों को ताक पर रखा गया है।नियमानुसार तीन बीघा से ज्यादा ज़मीन तहसीलदार नीलम नहीं कर सकता है। इसके बावजूद हेक्टेयर जमीनें निलाम कर दी गई हैं। नीलामी की प्रक्रिया आन लाइन होने के बावजूद हर बार खरीददार के बतौर सिर्फ विनोद मुलानी ही सभी प्रकरणों में ग्राहक के रूप में सामने आया है। नियमानुसार जमीन निलामी के पूर्व किसान को नोटिस जारी किया जाता है जिसके अभाव में निलामी संभव नहीं है।इसके बावजूद निलामी की गई है।किसानों की दावे के अनुसार सभी ने मिलकर गिरोहबद्ध होकर इस घोटाले को अंजाम दिया है।

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