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आचार संहिता में उलझ कर रह गया फ्रीगंज वाला समानांतर ब्रिज

16 Oct 2023

अगले वर्ष 2024 में ही शुरू हो पाएगा निर्माण का काम

उज्जैन। फ्रीगंज में नया समानांतर ओवरब्रिज बनाने की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण पूरी तरह रुक गई है। इसके अलावा उपरोक्त मामले में रेलवे ने साफ किया है कि वह रेलवे पटरी का हिस्सा नहीं बनाएगी। इस कारण सेतु संभाग को ही पूरा टेंडर लगाना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर अभी उच्च स्तर पर फैसला होना बाकी है। बहरहाल, चुनाव बाद ही इसका काम गति पकड़ सकेगा।


मौजूदा फ्रीगंज ओवरब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 91.76 करोड़ रुपए की मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन टेंडर प्रकिया में नही है। इस कारण विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण सभी नए कामों की प्रक्रिया पर रोक लग गई है। दिसंबर में नई सरकार बनने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। क्योंकि इस ब्रिज में मेंपटरी का हिस्सा रेलवे बनाएगा या पीडब्ल्यूडी ब्रिज, यह तय नहीं है।


रेलवे ने कहा, नियम में नहीं यहां निर्माण


रेलवे सूत्रों के अनुसार वह इस ब्रिज का हिस्सा नहीं बनाएगी, क्योंकि रेलवे की पॉलिसी के अनुसार जहां फाटक होता है वहीं रेलवे अपने हिस्से का ब्रिज बनाती है। फ्रीगंज में पहले से ही पुराना ब्रिज है और फाटक नहीं है। इस कारण रेलवे ने लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है कि पॉलिसी में नहीं होने से वह ब्रिज नहीं बनाएगी।


स्टाफ की कमी, काम ज्यादा


इस मामले में रेलवे ने अपनी समस्या सामने रखी है कि उनके पास स्टाफ कम है और काम ज्यादा। इस कारण सेतु संभाग को ही पूरा ब्रिज बनाना पड़ेगा। हालांकि इस मामले को लेकर रेलवे और शासन के बीच उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है, जिसमें तय किया जाएगा कि रेलवे पटरी का हिस्सा कौन बनाएगा। नई सरकार बनने के बाद ही यह उलझन दूर होगी। इसके बाद ब्रिज का काम गति पकड़ सकेगा। अभी ब्रिज के लिए जमीन अधिग्रहण करना भी बड़ी चुनौती है।


इनका कहना है


अचार संहिता प्रभावशील होने के कारण नए काम नहीं किए जा रहे। विभागीय मुख्यालय के निर्देश पर अभी कोई नया काम नहीं किया जा रहा।

- एसके अग्रवाल कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी सेतु, उज्जैन संभाग


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