
24 Sept 2023
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर हुई थी कार्रवाई
उज्जैन। शिप्रा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में बनी होटल सॉलिटेयर तोड़ने का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।मेसर्स बालाजी के आवेदन पर माननीय न्यायालय ने आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है।
विधि के जानकारों के मुताबिक माननीय नवम व्यवहार न्यायाधीश वीरेंद्र जोशी के समक्ष 22 सितम्बर को एक आवेदन पेश किया गया। धारा 151 सीपीसी में जिसमे मेसर्स बालाजी ने निवेदन किया था कि उनकी संपत्ति को अवैधानिक रूप से तोड़ा जा रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि निर्माण अनुमति व स्वीकृत मानचित्र की संपति में आगामी पेशी तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ ना तो स्वयं करें ना किसी से कराएं। इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी अपने आदेश में कहा है कि स्वीकृत मानचित्र व निर्माण अनुमति के अलावा कोई अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसे विधि अनुसार तोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। इस मामले मे शनिवार को सुनवाई की तारीख नियत की गई थी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर हुई थी कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि 21 सितम्बर को नगर पालिका निगम ने बुलडोजर चलाया था। नदी किनारे बने होटल सोलेटियर के पिछले हिस्से में बाउंड्री वॉल तोड़ दी थी, जो कि नदी किनारे बनी थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर यह कार्यवाही हुई थी। इसके पहले 16 अगस्त को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की मौजूदगी में नपती हुई थी। सूत्रों के अनुसार इस नपती में यह साबित हुआ था कि होटल 200 मीटर की परिधि में निर्मित है। जिसके बाद नगर निगम ने बुलडोजर चलाया और अब यह मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है।
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