
31 Jul 2023
सवारी मार्ग पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़-सड़क से लेकर आसमान तक कड़ी चौकसी
उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर की चौथी सवारी 31 जुलाई को पूरे ठाठ बाट के साथ निकली। प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया । सवारी अपने तय समय शाम 4 बजे शुरू हो गई थी। लाखों भक्त अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए 4 किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर इंतजार कर रहे थे। सड़क पर पुलिस और आर ए एफ के जवान तथा आसमान में ड्रोन कैमरा से नजर रखी जा रही थी।

सावन महीने के चौथे सोमवार के चलते महाकाल मंदिर में सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ था। 31 जुलाई को भगवान महाकाल की चौथी सवारी पूरे ठाठ बाट और लाव लश्कर के साथ निकाली गई। भगवान महाकाल की पालकी अपने तय समय शाम 4 बजे मंदिर परिसर से बाहर आई। इसके पहले कोटीतीर्थ कुंड के निकट जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने महाकालेश्वर की विशेष पूजा अर्चना की।
उमा-महेश रूप में दर्शन हुए महाकालेश्वर के...

चौथी सवारी में भगवान महाकालेश्वर उमा-महेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने निकले। चांदी की पालकी में विराजित अपने आराध्य देव को देखने के लिए भक्त घंटों पहले से सड़कों पर आ जमे थे। सवारी में भगवान के चारों स्वरूप चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश स्वरूप, गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव तथा नंदी रथ पर उमा महेश की प्रतिमा शोभायमान नजर आ रही थी।
पुलिस जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर...

भगवान महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है, इसलिए शाम 4 बजे जैसे ही पालकी बाहर आई, पुलिस द्वारा भगवान महाकालेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी अपने तय मार्ग गुदरी चौराहा, कहार वाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां भगवान महाकाल की विशेष पूजा और अर्चना की गई। यहां से सवारी दानी गेट, ढाबा रोड और गोपाल मंदिर होते हुए नियत समय पर मंदिर में पहुंची।
6 सवारियां और निकलना शेष है..
इस बार सावन का अधिक मास होने से भगवान महाकाल की कुल 10 सवारी का योग बना है। इनमें से तीन सवारी निकल चुकी है। इसके बाद अब भगवान महाकाल की सवारी…
पांचवी सवारी- 7 अगस्त को
छठी सवारी- 14 अगस्त को
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर को
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को निकलेगी।
ड्रोन कैमरे और 1000 जवान....

भगवान महाकालेश्वर की चौथी सवारी में भी पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए। 1 दिन पहले शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों से फ्लैग मार्च निकाला गया था। वही सोमवार सुबह से ही महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र से लेकर 4 किलोमीटर लंबे पूरे सवारी मार्ग पर ड्रोन कैमरा के जरिए आसमान से निगरानी रखी जा रही थी। इनके द्वारा बहुमंजिला इमारतों के ऊपर हर गतिविधि पर पुलिस नजर बनाए हुए थी। सवारी मार्ग में भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तथा रैपिड एक्शन फोर्स के 1000 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था। सवारी में पूरे समय आला अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अधिकारी सवारी के दौरान अधीनस्थों से लगातार फीडबैक ले रहे थे।
धमकी के बाद और उमड़े भक्त...

शनिवार को वर्ग विशेष समुदाय के लोग तथा कांग्रेसी नेता एक महिला से बदसलूकी के मामले में आरोपियों के मकान तोड़े जाने की मांग कर रहे थे। इन्हीं के साथ आए मुस्लिम युवक शोएब ने पुलिस कंट्रोल रूम के सामने धमकी दी थी कि इस बार महाकाल की सवारी निकाल कर दिखाओ। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और रविवार को वह जेल भी भेज दिया गया। इस धमकी के चलते महाकालेश्वर की चौथी सवारी में पिछले सवारी के मुकाबले कहीं ज्यादा भीड़ और उमड़ गई। लोग सवारी में शामिल होने के लिए रविवार से ही उज्जैन आने लग गए थे। दूरदराज के इलाकों से ग्रामीण भी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों लेकर उज्जैन आ गए थे। शहर के कई इलाकों से भी लोग समूह के रूप में भगवान महाकालेश्वर की सवारी में शामिल होने पहुंच गए थे। चौथी सवारी में इस बार 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी।
घोड़े पर सवार होकर एसपी कलेक्टर ने रखी नजर.....

सवारी मार्ग के दोनों और लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर की एक झलक पाने के लिए घंटो से जमे हुए थे । इधर पूरे सवारी मार्ग पर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे । कलैक्टर एवं एस पी सवारी में घोड़े पर सवार होकर निकले| यहाँ एसपी चारो तरफ नजर जमाए हुए थे| एस पी सचिन शर्मा ने बताया कि सुरक्षा के लिए पूरे सवारी मार्ग पर एक हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। पूरे मार्ग पर उच्च अधिकारी नजर रखे हुए थे।