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Ujjain News: चार लाख से अधिक भक्तों ने किया भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन

21 Aug 2023

24 घंटे लगातार खुले रहे मंदिर के पट, मध्य रात्रि में बंद हुए

उज्जैन। सोमवार को नाग पंचमी का पर्व परंपरा और उत्साह के साथ महाकालेश्वर की नगरी में मनाया गया। इस दिन महाकालेश्वर मंदिर के शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर प्रतिमा के चार लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। मंदिर के पट बंद होने तक सतत 24 घंटे दर्शनों का सिलसिला चलता रहा।


उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर की दूसरी मंजिल पर अति प्राचीन भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है। यह मंदिर नाग पंचमी के अवसर पर वर्ष में केवल एक बार खुलता है। यही कारण है कि देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं। नाग पंचमी के अवसर पर रविवार रात 12:00 बजे से ही नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोल दिए गए थे। पट खुलते ही महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से विनीत जी महाराज द्वारा भगवान नागचंद्रेश्वर प्रतिमा का विधिवत पूजन अर्चन किया गया था। इसके तत्काल बाद दर्शनों का सिलसिला आरंभ हो गया था। रविवार रात 12:00 बजे से लेकर सोमवार दोपहर 12:00 बजे तक 200000 से अधिक श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन कर चुके थे। इसके बाद भी लगातार श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सोमवार दोपहर 12:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक तीन लाख के करीब श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर चुके थे और सोमवार रात 12:00 बजे तक यह आंकड़ा 400000 के पार चला गया था।


1 घंटे का दावा था, 4 घंटे लग रहे थे..



नाग पंचमी के अवसर पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पुलिस तथा प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को 1 घंटे में नागचंद्रेश्वर के दर्शन कराने का दावा किया गया था। परंतु भीड़ इतनी अधिक थी कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने में करीब तीन से चार घंटे का समय लग रहा था। चार धाम मंदिर के सामने से सभी तरह के श्रद्धालुओं को जिगजेग बनाकर प्रवेश दिया जा रहा था। इस कारण श्रद्धालुओं को नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंचने में लंबा समय लग रहा था। पार्किंग के बाद भी श्रद्धालुओं को चार धाम मंदिर तक लंबा पैदल चलना पड़ रहा था। दर्शन के उपरांत भी पार्किंग तथा जूता स्टैंड तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को लंबा पैदल चलने से परेशानी होती रही।


अधिकारी और नेताओं के परिवार दर्शन करते रहे, पत्रकार खड़े रहे...


नाग पंचमी से 1 दिन पूर्व कलेक्टर तथा एसपी ने बैठक लेकर दावा किया था कि नाग पंचमी के दिन पत्रकार तथा उनके परिवारों को दोपहर 12:00 से 2:00 तक दर्शन करने की विशेष व्यवस्था रहेगी। इसके लिए जब पत्रकार परिवार के साथ जैसे-जैसे महाकालेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंचे तो वहां बैरिकेट्स लगे हुए थे और पत्रकार व उनके परिवार के प्रवेश की अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी। जनसंपर्क विभाग के अधिकारी भी पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रवेश द्वार पर खड़े थे लेकिन बैरिकेट्स के दूसरी और पत्रकार और उनके परिवार को प्रवेश देने के बारे में कोई पहल नहीं की जा रही थी। इस बात से नाराज पत्रकारों का कहना था कि कलेक्टर और एसपी वादा करके और वक्त पर भूल गए और पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार किया जिससे पत्रकारों को अपने परिवार के सामने शर्मिंदा होना पड़ा। एक और पत्रकार तथा उनके परिवार के लोग मंदिर में प्रवेश के लिए बैरिकेट्स के दूसरी ओर प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे वहीं दूसरी ओर कोटि तीर्थ कुंड की ओर से विभिन्न विभागों के अधिकारी, पुलिस तथा प्रशासन से जुड़े लोगों के परिवारजन और पंडित पुजारी के चहिते थे लोग आराम से भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर रहे थे। दूसरी और आम श्रद्धालुओं के साथ भी नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश के दौरान सहानुभूति नहीं बढ़ती जा रही थी। ब्रिज से होकर मंदिर तक पहुंचते ही यहां तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को धक्के दे दे कर चला कर रहे थे। इस कारण चार-चार घंटे कतार में खड़े रहने के बाद जब श्रद्धालु भगवान नाग चंदेश्वर के करीब पहुंच रहे थे, उरस दौरान उन्हें यहां से लाल सुरक्षाकर्मी और पुलिस तेजी से बाहर निकाल रहे थे।


रात 12:00 बजे हुए पट बंद...


इन सब अव्यवस्थाओं के बीच बीती रात 12:00 बजे तक लगभग 400000 से अधिक श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर चुके थे और करीब इतने ही लोगों ने भगवान महाकालेश्वर के भी दर्शन किए थे। रात्रि 12:00 बजे भगवान नागचंद्रेश्वर की विधिवत पूजन अर्चना की गई और उसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए।

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