
23 Jul 2023
पिछले 2 महीने से शहर में हो रहा है एक दिन छोड़कर जलप्रदाय
उज्जैन। गंभीर डेम लबालब होने के बावजूद शहर के लोगों को आगामी 31 जुलाई तक जल संकट भुगतना पड़ेगा। क्योंकि रामघाट पर लाइन सुधार का काम पूरा नहीं हो पाया है।इधर कान्ह नदी के ओवरफ्लो होने के कारण त्रिवेणी क्षेत्र में बंधा मिट्टी का पाला बह गया है।

उल्लेखनीय है कि 2250 एमसीएफटी क्षमता का गंभीर डेम शुक्रवार रात को ही लबालब हो गया है। इंदौर के यशवंत सागर के गेट खोले जाने के बाद डेम में लगातार पानी की आवक हो रही थी। इसका लेवल 2000 एमसीएफटी के आसपास मेंटेन करने के लिए गेट भी खोले जा रहे हैं। डेम खाली होने के कारण पिछले 2 महीने से शहर में एक दिन छोड़कर पेयजल सप्लाई किया जा रहा था। जलकार्य समिति के प्रभारी प्रकाश शर्मा और अन्य जनप्रतिनिधि बीते दिन रविवार दोपहर डेम पहुंचे तथा यहां उन्होंने महादेव का पूजन अभिषेक किया ।पूजन के बाद डेम का निरीक्षण भी जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। इसके बाद आज से नियमित जल प्रदाय शहर में आरंभ करना के फैसले को 31 जुलाई तक टाल दिया गया। अधिकारियों ने इसके पीछे कारण बताया कि 2 दिन पहले जो राम घर क्षेत्र में लाइन चौक हो गई थी उसके सुधार का काम पूरा नहीं हो पाया। इस कारण आज सोमवार से रोजाना जल सप्लाई शुरु करना संभव नहीं। इसके बाद महापौर ने इस मामले को आगामी 31 जुलाई तक टाल ल दिया है। इस के बाद शहरवासियों को अब पिछले 2 माह से उठाए जा रहे जल संकट से फिलहाल मुक्ति नहीं मिल पाएगी।
कान्ह नदी हुई ओवरफ्लो, मिट्टी का बांध बहा...
शिप्रा नदी के साथ-साथ इंदौर से आने वाली कान्ह नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इसके तेज बहाव के कारण कई गांवों में मिट्टी का कटाव हो रहा है। गंगेड़ी क्षेत्र में पिछले तेज बारिश के कारण कई जगह मिट्टी कटाव होने से यहां लगे पेड़ व बड़े पौधे बह गए। पक्के रोड के किनारे की मिट्टी भी बह गई। शनि मंदिर के पास कान्ह नदी पर बनाया कच्चा बांध भी टूट गया। यहां भी पानी बढऩे से मिट्टी और पेड़-पौधे नदी में धंस रहे हैं। कान्ह नदी का पूरा दूषित पानी शिप्रा में मिल रहा है।