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सनातन की आड़ में महिला उत्पीडन

8 Sept 2023

बेटे उदयनिधि के बचाव में उतरे स्टालिन, पीएम पर भी बरसे

चेन्नई| उदयनिधि के ‘सनातन धर्म को खत्म किया जाना चाहिए’ वाले बयान का उनके पिता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने समर्थन किया है। मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग सनातन का इस्तेमाल महिलाओं के खिलाफ उत्पीडऩ को कायम रखने के लिए करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘सनातन धर्म’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। सनातन को ध्यान भटकाने वाली रणनीति बताते हुए स्टालिन ने कहा कि द्रमुक ने महिलाओं को वह सम्मान प्रदान किया, जो सनातन सिद्धांतों द्वारा अस्वीकार किया गया था। हमने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिंसक तरीकों को छोडक़र, ज्ञानोदय के माध्यम से अपनी विचारधारा को बढ़ावा दिया है।


अगर भाजपा को लगता है कि वे द्रमुक जैसी लंबे समय से चली आ रही पार्टी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकते हैं, तो वे खुद को उस दलदल में डूबता हुआ पाएंगे। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने यह बात उस मीडिया रिपोर्ट के एक दिन बाद कही, जिसमें नेताओं के हवाले से कहा गया था कि मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान उल्लेख किया था कि उदयनिधि की टिप्पणियों पर उचित प्रतिक्रिया की जरूरत है, जबकि भाजपा जूनियर स्टालिन और पूरे भारत समूह पर अपना हमला बढ़ा रही है।


स्टालिन ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा का विरोध करने के लिए गठित द्रमुक सहित 28 दलों के भारतीय गठबंधन ने प्रधानमंत्री को परेशान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह डर के कारण ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का प्रस्ताव दे रहे हैं। यह स्पष्ट है कि भाजपा वास्तव में सनातन में भेदभावपूर्ण प्रथाओं के बारे में चिंतित नहीं है, बल्कि विपक्षी गठबंधन के भीतर विभाजन पैदा करने के लिए बेताब है। इसे एक राजनीतिक नौटंकी के रूप में पहचानने के लिए किसी राजनीतिक प्रतिभा की आवश्यकता नहीं है।


उदयनिधि का बयान


स्टालिन ने कहा कि उदयनिधि ने कभी भी नरसंहार का आह्वान नहीं किया, बल्कि दमनकारी विचारधाराओं के खिलाफ बात की और आश्चर्य जताया कि क्या मोदी जिनके पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए सभी संसाधनों तक पहुंच है वे उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं, या फिर उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया है।


सनातन के सहारे ध्यान भटकाने की कोशिश


स्टालिन ने कहा कि इन उदाहरणों को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री, जो अपने किसी भी वादे को पूरा करने में विफल रहे हैं, सनातन का हवाला देकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। न तो प्रधान मंत्री और न ही उनके मंत्रियों ने मणिपुर या सीएजी रिपोर्ट में उजागर की गई। न ही 7.50 लाख करोड़ रुपए की अनियमितताओं जैसे मुद्दों पर जवाब दिया है। लेकिन उन्होंने सनातन पर कैबिनेट बुलाई। क्या ये नेता वास्तव में पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों, आदिवासियों की रक्षा कर सकते हैं और महिलाओं का उत्थान कर सकते हैं? स्टालिन ने कहा कि अगर बीजेपी को उदयनिधि के भाषण पर और स्पष्टीकरण की जरूरत है, तो उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से परामर्श करने की जरूरत है, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि देश की सामाजिक व्यवस्था में कुछ लोगों को पीछे छोड़ दिया गया है।


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