top of page

अबोधिता - प्रभावशाली पोषक तत्व

20 Sept 2023

एक शक्ति जो रक्षा करती है और ज्ञान का प्रकाश प्रदान करती है

अबोधिता ( innocence) ऐसी शक्ति है जो आपकी रक्षा करती है और ज्ञान का प्रकाश प्रदान करती है। यही अबोधिता आपको अन्य लोगों से प्रेम करना, उनकी देखभाल करना, उनके प्रति भद्र होना सिखाती है।bअबोधिता में भय बिल्कुल भी नहीं होता।  अबोधिता की यह पहचान है कि मनुष्य को सभी में पवित्रता दिखायी देती है, क्योंकि अपने आप पवित्र होने के कारण वह अपवित्र नज़रों से किसी को नहीं देखता है।


आध्यात्मिक व्यक्ति अबोध होता है। अबोध, उसमें चालाकी नहीं होती। अबोधिता ही सभी कुछ है। व्यक्ति जो कुछ भी बोलता है, कहता है, वह अबोधिता से ही आता है, इसमें पुस्तकों से प्राप्त की हुई बौद्धिकता नहीं होती, ऐसा कुछ भी नहीं होता, इसमें तो केवल शुद्ध और सहज अबोधिता होती है जो बहुत अच्छी तरह कार्य करती है, ये इतनी स्वच्छ है, ये केवल वही कहती है जो यह जानती है और यह उच्चतम है। सहजयोग संस्थापिका श्री माताजी निर्मला देवी जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है कि,"आपकी सादगी, आपकी हमेशा मदद करती है। आपकी अबोधिता, आपकी हमेशा सहायता करती है और यह अत्यंत प्रभावशाली है - बहुत प्रभावी है। मैं आपको बता रही हूँ कि एक ऐसा व्यक्तित्व, जिसे संस्कृत में विग्रह कहते हैं.... जिस व्यक्तित्व का एक गुणांक हो। ऐसा व्यक्ति जो अबोध है, उसका गुणांक इतना महान होता है कि वह किसी को भी आकर्षित कर सकता है।


लेकिन पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अबोध होना होगा, पैसे की बहुत ज्यादा चिंता नहीं करनी, हर एक चीज़ की गिनती न करना, भोजन की चिंता न करना वगैरह। लेकिन यह सब-कुछ सोच-विचार कर नहीं करना चाहिए, परन्तु यह अबोधिता में ही घटित हो। कहां सोना है और क्या करना है, यह एक संत के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। वह इस तरीके से अपना जीवन जीता है जैसे एक इंसान को जीना चाहिए, क्योंकि *अबोधिता* उसका पोषक तत्व है और वह क्रोधित नहीं होता। वह लोगों पर चिल्लाता नहीं है - बिल्कुल भी नहीं" (१९ सितंबर १९९३)


सहजयोग में अबोधिता साधक की साधना का आधार है ।  इसके अभाव में कुंडलिनी जागरण संभव नहीं है।"


ये भी पढ़ें -



bottom of page