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सहजयोग ध्यान में पंचतत्वों की सहायता से निखारें अपने व्यक्तित्व को

"सौभाग्य भावे भजती भगवंती। त्यास पृथ्वी देत से निजशांति ll
जळे दिधली मधुर - रस वृत्ती । तेजे दिधली निज-तेज प्रभा-दीप्ति ll" संत एकनाथ

सहजयोग ध्यान में पंचतत्वों की सहायता से निखारें अपने व्यक्तित्व को

मालवा हेराल्ड |संत एकनाथ महाराष्ट्र के वारकरी संप्रदाय के एक प्रमुख संत थे। जब उनको आत्मसाक्षात्कार का अमृत प्राप्त हुआ l तो उन्होंने उसे अपने अभंगों में वर्णित किया। और इस आत्मसाक्षात्कार अनुभूति मे पंच तत्व कैसे मदद करते हैं इसका वर्णन उपरोक्त अभंग में किया। वे कहते हैं, आत्मसाक्षात्कार प्राप्ति के बाद उन्हें धरती माता निजशांति देने लगी जलतत्व मधुर - रसवृत्ती याने की चित्त को मधुर अनुभूति देने वाली शांतता देने लगा और तेजतत्व उन्हें उनकी काया पर तेज और नेत्रों में चमक देने लगा। परम पूज्य श्री माता जी निर्मला देवी ने 5 मई 1970 को सामूहिक आत्मसाक्षात्कार देने की इस कला का निर्माण किया। उन्होने पंच महा भूतों का उपयोग करके आत्मसाक्षात्कार देने की इस कला को सहज, सरल और सुलभ बनाया l
सहजयोग बात करता है सप्त चक्र एवं तीन प्रमुख नाड़ियों और पंचमहाभूतों की। परम पूज्य श्री माता जी निर्मला देवी कहते हैं कि जब साधक अपनी शुद्ध और दृढ़ इच्छा शक्ति से ये आत्मसाक्षात्कार मांगेगा तो तत्क्षण उसकी पवित्र त्रिकोणाकार अस्थि में स्थित कुंडलिनी माँ उर्ध्वगामी होकर उसे उसका योग प्रदान करेगी। ये योग प्राप्त करने में और प्राप्त होने के बाद इसे दृढ़ करने में पंचमहाभूत याने की पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश ये साधक को कैसे मदद करते है ये बताने के लिए श्री माताजी कहती हैं कि आप हर दिन जल क्रिया करिये जब हम जल क्रिया करते हैं, तब पानी मे डाला हुआ समुद्री नमक आपके मूलाधार चक्र की अशुद्धी को दूर करेगा, जल स्वाधिष्ठान चक्र को, अग्नि आज्ञा चक्र को और ध्यान विशुद्धी चक्र को शुद्ध करता है l
इस प्रकार, इन पंचमहाभूतो का उपयोग आप अपने चक्र और नाड़ियों को साफ, शुद्ध करने के लिए कर सकते हैं। इस 'जलपैर प्रक्रिया से आपकी 80% शारिरिक समस्याएं दूर होंगी और शनैः शनैः ध्यान में स्थिरता आयेगी, आपका ध्यान सधने लगेगा। ध्यान सधने पर पंच महाभूत आपके बाह्य शरीर पर भी अपना प्रभाव दिखाने लगेंगे। आपकी त्वचा तेजस्वी होगी।
आँखे चमकदार होगी और आप एक आनंदमयी, उत्साही और करुणामयी व्यक्तित्व वाले सहजयोग ध्यान के धनी होंगे। आप भी अपने व्यक्तित्व के विकास लिए पंचतत्वों का उपयोग सहजयोग ध्यान के माध्यम से करने हेतु निःशुल्क आत्मसाक्षात्कार का अनुभव प्राप्त कीजिए। अधिक जानकारी हेतु आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 18002700800 पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in पर देख अधिक जानकारी देख सकते है l

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