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सहज योग - मालवा हेराल्ड

12 December 2022
आत्मसाक्षात्कार को पाकर जो विद्यार्जन होता है उसमें बराबर नीर-क्षीर विवेक आ जाता है : श्री माताजी निर्मला देवी जी
ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिष्ठा हमारे मन में बाल्यकाल में ही हो जाती है जब हम विद्यार्जन का प्रारंभ करते हैं। परंतु वास्तव में मां सरस्वती के कार्य की महत्ता को समझने के लिए आत्म ज्ञान का होना आवश्यक है सहजयोग संस्थापिका श्री माताजी निर्मला देवी जी के अनुसार ,
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