आत्मा का ज्ञान ही सत्यस्वरूप है - सुकरात
(सहजयोग प्राचीनकाल से अनेक गुरूओं द्वारा प्रतिष्ठित पद्धति है।)

मालवा हेराल्ड |संपूर्ण विश्व में समय-समय पर अनेक महान पुरुषों व गुरुओं ने मानव जाति के उत्थान व मार्गदर्शन हेतु अवतरण लिया सुकरात भी उन्हीं में से एक हैं। उनके विचार व आत्मज्ञान सहजयोग के सिद्धांत को प्रतिपादित करता है।
"अपने को जानो ।आत्मा का ज्ञान ही सत्यस्वरुप है। उसको पा लेना ही मनुष्य जीवन का सबसे बडा पुण्य है l और उसके प्रति अज्ञान की अवस्था ही सबसे बड़ा पाप है।" *- सुकरात*
सुकरात ग्रीक देश के उच्च कोटी के तत्वज्ञ थे। साधक को सत्य तक पहुँचाने के लिए उन्होंने एक अभिनव प्रश्नोत्तर पद्धति खोज निकाली थी। वो अपने सभी शिष्यों के साथ मित्रों जैसा व्यवहार करते थे। उनका बाह्य व्यक्तित्व बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं था, कुरूप था। एक बार वो अपने आप को आईने में निहार रहे थे। तब उनका शिष्य बोला, गुरुदेव ,आप आईने में क्या देख रहे है ? तब वे बोले, सभी ने अपने-आपको हर दिन आईने में देखना चाहिये, चाहे वो व्यक्ति सुंदर हो या कुरुप। जब एक बदसूरत आदमी आईने में देखेगा तो वो अपनी बदसूरती से छुटकारा पाकर समाज से सराहना पाने के लिये अच्छे कर्म करेगा, उसकी कुरूपता उसे सदैव अपनी आत्मा की और धकेलेगी। यहाँ ये ध्यान मे रखिये की हमारे अंदर के सभी षड रिपू जैसे -क्रोध- काम अहंकार, मोह, लोभ और माया ही हमारी कुरूपता है और जब कोई सुंदर आदमी आईने मे देखेगा तो वह, भगवान की इस सुंदर कलाकृति पर खुश होगा, और किसी भी अपवित्र भावनाओं से इसे मिलने नहीं देगा ।अपनी आत्मा को पवित्र रखने की पूरी कोशिश करेगा।
उपरोक्त वर्णित सुकरात की गाथा से हम सहजयोग समझ सकते हैं। परम पूज्य माताजी श्री निर्मला देवी कहते हैं कि सुकरात दस गुरुओं में से एक गुरू हैं । अपने गुरु का स्थान अपने नाभि चक्र के इर्दगिर्द फैले हुए, भवसागर में है। जब हमें हमारा आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होता है तो, हमारी आत्मा हमारा आईना बन जाती है l जिसके प्रकाश में हम हमारे अंदर की बुराइयों को साक्षी भाव से देख सकते हैं। उन बुराईयों को पंच तत्वों की मदद से साफ कर,शुद्ध आत्मानंद प्राप्त कर सकते हैं।आपको भी अपने आत्मारुपी आईने मे देखना है तो आज ही सीखें सहजयोग ध्यान ,सहजयोग से निःशुल्क आत्मसाक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होता है। अधिक जानकारी हेतु आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 18002700800 पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in पर देख अधिक जानकारी देख सकते हैं।