'मार्गशीर्ष' मास मध्य मार्ग (सुषुम्ना नाड़ी) द्वारा शीर्ष चक्र सहस्रार की जागृति का अवसर प्रदान करता है
(मार्गशीर्ष माह -- महालक्ष्मी की कृपा का विशेष पर्व)

मालवा हेराल्ड |भारत देश को योग भूमि कहा गया है।यहाँ के सभी त्यौहारों को अध्यात्म से जोड़ा गया है l और इन सभी के पीछे शास्त्रीय आधार है। प. पू. श्री माताजी निर्मलादेवी ने 5 मई 1970 को सहजयोग ध्यान कार्यान्वित किया। श्री माताजी कहते हैं कि, ये सहजयोग ध्यान कोई आज की बात नहीं है। अष्टांगयोग और विविध प्रकार की आध्यात्मिक योग क्रियायें हमारे देश में सनातन काल से चलती आ रही हैं। मैंने सिर्फ इस ध्यान पद्धति का वास्तवीकरण, यथार्थी-करण किया है।
सहजयोग सप्त चक्र और तीनप्रमुख नाड़ियों की बात करता है l सातों चक्रों में सबसे महत्वपूर्ण चक्र है सहस्त्रार चक्र। आजकल मार्गशीर्ष महिना चल रहा है। भारत मे यह महिना विशेष महत्वपूर्ण है। मार्ग यानि रास्ता और शीर्ष यानि कि सिर, अर्थात् वो मार्ग जो शिखर/ शीर्ष या सहस्त्रार तक ले जाए। और सहस्त्रार तक पहुँच पाना परमात्मा की कृपा के बिना संभव नहीं है। इसी महिने हम आदिगुरु दत्तात्रयजी की पूजा करते हैं, क्योंकि इसी महिने मे उनका जन्मदिन "दत्तजयंती" भी आती है तथा महालक्ष्मी का भी पूजन किया जाता है। अर्थात यह महिना सुषुम्णा मार्ग का महिना है जहाँ लोग अपनी क्षुद्र और तुच्छ लालसाओं के मोह-बंधन से बाहर निकलकर आध्यात्मिक साधना द्वारा महालक्ष्मी पथ पर पहुँच सकते हैं। प.पूज्य श्रीमाताजी कहते हैं, अगर हमें अपना वास्तविक घर यानि की सुषुम्णा मार्ग द्वारा सहस्त्रार चक्र तक पहुँचकर , उस का भी भेदनकर ,परमेश्वरी शक्ति से तादात्म्य होने का अनुभव पाना है, तो हमें हमारी इडा और पिंगला नाड़ियों पर नियंत्रण पाना होगा। इन दो नाड़ियों को संतुलन मे लाये बिना हम हमारे महालक्ष्मी पथ पर नहीं पहुँच सकते l सहजयोग में इन दो नाड़ियों को संतुलित करने के लिये पंचमहाभूतों का उपयोग किया गया है। हम हमारी इड़ा नाडी को धरती माता की मदद से और पिंगला नाड़ी को आकाश तत्त्व की मदद से संतुलित कर, मध्य मार्ग सुषुम्ना द्वारा शीर्ष याने सहस्त्रार तक पहुँच सकते हैं l
हमारे अंदर की महालक्ष्मी को जागृत कर, इस आनंदयात्रा पर चल सकते हैं। विश्व के सभी सहजयोगी इस आनंदयात्रा पर निकल पड़े हैं, आप भी मार्गशीर्ष जैसे इस पवित्र महिने में, इस सहस्त्रार रूपी शिव से एकाकारिता पा सकते हैं। तो आज ही इसका अनुभव ले lसहजयोग द्वारा निःशुल्क आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होता है। अधिक जानकारी हेतु हमारे हेल्पलाइन नंबर 18002700800 पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in पर देख सकते हैं।