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68 सीसीटीवी कैमरे, चौकी और सुरक्षा घेरा होने के बाद भी नहीं थम रही चोरियां

26 Sept 2023

जिला अस्पताल बना चोरों का अड्डा, सालभर में चोरी की कई वारदातें

शाजापुर। जिला चिकित्सालय में पिछले एक साल से चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जबकि अस्पताल में 68 सीसीटीवी कैमरे, 15 से अधिक सुरक्षाकर्मी हैं व पुलिस चौकी है। फिर भी चोरों के हौसले बुलंद हैं। रोज 300-400 मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। महिला, पुरुष, बच्चा, डिलीवरी आदि वार्डों में सैकड़ों मरीज भर्ती रहते हैं। इसके साथ ही कुछ एक्सीडेंट, डिलीवरी आदि पेशेंट भी आते हैं।


सभी मरीजों के साथ उनके रिश्तेदार व परिचित भी आते हैं। जैसे ही मरीज व उनके परिजन व्यस्त या किसी अन्य जरूरी काम से कहीं जाते हैं तो चोर मौके का फायदा उठाकर हाथ साफ कर देते हैं। ज्यादातर चोरी रात में होती है। क्योंकि वार्डों में भर्ती मरीज व उनके साथ मौजूद परिजन सो जाते हैं। अस्पताल का स्टाफ भी अपने कैबिन में रहता है। इसलिए वार्डों में मौका देखकर बदमाश वहां रखा सामान उठा ले जाते हैं।


जिला अस्पताल में ये हुई वारदातें


कुछ दिन पहले भी जिला अस्पताल से दो मोबाइल चोरी हुए। इससे करीब एक महीने पहले अस्पताल की पार्किंग परिसर से एक बाइक चोरी हो गई थी। पिछले साल जून में एक बाइक व एक मोबाइल चोरी हुआ था। नबंवर 2022 में अस्पताल में एक सप्ताह में तीन चोरियां हुई थी, जिसमें पहले बायोमैट्रिक मशीन, फिर मोबाइल और बाइक चोरी हुई। दिसंबर 2022 में सिविल सर्जन के कक्ष का दरवाजा तोड़कर लैपटॉप और कम्प्यूटर सिस्टम चोरी हुआ था।


कैमरे से निगरानी, रात-दिन सुरक्षाकर्मियों का पहरा


प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से करीब 68 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनमें से सभी कैमरे चालू स्थिति में हैं। कैमरे की निगरानी करने के लिए एक कर्मचारी भी नियुक्त है। दिन-रात सुरक्षाकर्मियों का पहरा रहता है। गेट के पास ही एक पुलिस चौकी बनी हुई है। फिर भी बदमाश चोरी की वारदात को अंजाम दे देते हैं। सूत्रों की मानें तो चोरों का एक गिरोह अस्पताल के आसपास ही रहता है। जो बदमाशों से गोपीनीय तरीके से मिलकर चोरी करवाने में मदद करते हैं। वरना सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बावजूद चोरी की वारदातें होना मुमकिन नहीं।


इनका कहना है


मरीजों के साथ आ रहे लोगों की जानकारी नोट की जा रही है। साथ ही फालतू घूमने वाले लोगों को रोका जा रहा है।


- डॉ. बीएस मैना, सिविल सर्जन-शाजापुर


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