
16 Sept 2023
शांति नगर, मंछामन कॉलोनी में रेस्क्यू के लिए चली नाव, बड़ा पुल डूबा, डेम के पांच गेट खोलने पड़े
उज्जैन। पिछले 48 घंटे से उज्जैन में भारी वर्षा के दौर के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए। शनिवार शाम तक उज्जैन में 6 इंच बरसात 24 घंटे में हो गई थी। इसके चलते 30 साल बाद शिप्रा नदी का पानी दानी गेट पार करता हुआ ढाबा रोड तक पहुंच गया। शहर के कई इलाकों में जल जमाव के कारण रेस्क्यू के लिए नाव चलानी पड़ी। इतना ही नहीं बड़ा पुल डूब गया और गंभीर डेम के पांच गेट खोलने पड़े।
वैसे तो उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भगवान महाकालेश्वर से प्रदेश में बारिश की कामना के लिए किए गए महारुद्र अनुष्ठान के बाद से ही बारिश का दौर शुरू हो गया था, लेकिन पिछले 48 घंटे में हुई बारिश ने शहर तथा आसपास बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए।उज्जैन में गंभीर डेम पूरी तरह भर गया और शुक्रवार देर रात से ही वाटर लेबल मेंटेन करने के लिए पांच गेट को खोला गया है। वही शिप्रा नदी में लम्बे समय बाद बाढ़ के हालात बन गए है। शिप्रा का स्तर खतरे के निशान पर आ गया है। नदी किनारे के अधिकांश क्षेत्र जलमग्न हो गए । पिछले 24 घंटे में शहर में शनिवार शाम 5:00 बजे तक 6 इंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसी के साथ बीती शाम तक उज्जैन में इस सीजन की बारिश का आंकड़ा 41 इंच के पार हो गया था।
2016 के बाद डूबा बड़ा पुल
लगातार बारिश के चलते शनिवार सुबह तक शिप्रा का पानी बडऩगर रोड स्थित बड़े पुल से 2 फीट उपर बह रहा था। इसी के चलते पुल पर आवागमन रोक दिया गया। शिप्रा में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग चंबल मंडल की जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम तक शिप्रा नदी का जलस्तर 476.500 मीटर हो गया था। यह चेतावनी के स्तर तक पहुंच गया था। जल संसाधन विभगा के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार शिप्रा नदी का चेतावनी स्तर 476 मीटर है और खतरे का स्तर 477 मीटर निर्धारित है। शिप्रा नदी का उच्चतम बाढ़ स्तर 483.810 मीटर माना गया है। जिस गति से शिप्रा में पानी बढ़ रहा है उससे नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। खबर है कि शिप्रा किनारे स्थित दो मकान देर रात क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसमें कुछ लोगों के घायल होने की खबर है, वहीं बडऩगर रोड स्थित कार्तिक मेला ग्राउंड की कई झोपडिय़ां बाढ़ के पानी में बह गई है। शिप्रा का पानी पुल के ऊपर आने के बाद बडऩगर रोड का आवागमन बंद कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि 7 साल पूर्व वर्ष 2016 में शिप्रा नदी का बड़ा पुल जलमग्न हुआ था। उसके बाद अब यह स्थिति बनी।
30 वर्ष बाद ढाबा रोड तक शिप्रा
उज्जैन में बाढ़ के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिप्रा नदी का पानी शनिवार की शाम तक दानी गेट को पार करता हुआ ढाबा रोड तक पहुंच गया था। इसके बाद भी अनवरत बारिश का दौर जारी था। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि आज से 30 साल पहले वर्ष 1993 में शिप्रा नदी का पानी ढाबा रोड तक आया था। अंतराल के बाद यह स्थिति बनी है।
24 घंटे में 152.4 मिलीमीटर बारिश
जीवाजी राव वेधशाला के अनुसार उज्जैन में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक 118.4 मिलीमीटर तथा शाम 5:00 बजे तक 34 मिली मीटर कुल 6 इंच वर्षा रिकॉर्ड हुई। इसे मिलाकर बारिश का आंकड़ा 41 इंच के पार चला गया।
कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति
लगातार बारिश के दौर के चलते शहर के कई इलाकों में जलजमाव के हालात बन गए हैं। घरों में पानी भर गया है। ओरेंज अलर्ट जारी किया गया था। घने बादलों के बीच जोरदार बरसात हुई और शहर की सड़कों पर अंधेरा छा गया। दिन के समय में भी गाडिय़ों के हेड लाइट जलाने पड़े। लगभग 24 घंटे की घंटे की बारिश से सभी दूर पानी पानी हो गया। घनघोर बारिश के कारण कई निचली बस्तियों, कॉलोनियों और सड़कों पर पानी भर गया। शहर में पूरी रात रह-रहकर जोरदार बारिश से सड़कें लबालब हो गई तो शिप्रा में बाढ़ के हालात निर्मित हो गए। पानी की निकासी नहीं होने के कारण शहर में कई मुख्य मार्गों के किनारे के नाले और नालियां सड़क के लेवल में आ गए। इनमें इतना पानी भर गया कि सड़क का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया। हालात ऐसे बने की ढांचा भवन क्षेत्र में जल निकासी के लिए नागरिकों को स्वयं के खर्चे से जेसीबी बुलानी पड़ी। नानाखेड़ा क्षेत्र की अनेक निचली बस्तियों में पानी जमा हो गया और लोगों के घरों में पानी घुस गया। नील गंगा क्षेत्र, मंचमन कॉलोनी और शांति नगर में जल जमाव की स्थिति बनने पर आपदा टीम को रेस्क्यू के लिए नव चलानी पड़ी। जिन लोगों के घरों में बारिश का पानी जमा हो गया था उन्हें जिला प्रशासन की ओर से आसपास के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। रेस्क्यू के दौरान एक नाव खराब भी हो गई थी।
घाट पर पंडे-पुजारियों के सामान नदी में बहे
शिप्रा में आई बाढ़ के कारण पंडे पुजारियों के सामान नदी में तेज बहाव के साथ बह गए। प्रशासन ने ताबड़तोड़ बैरिकेडिंग कर प्रवेश रोका। एसडीएम एसएन गर्ग ने बताया कि शिप्रा में पानी बढऩे के कारण बाढ़ के हालात बन चुके हैं। होमगार्ड सैनिक ईश्वरलाल चौधरी ने बताया रात 12 बजे से शिप्रा नदी का जल स्तर बढऩे लगा था। एसडीआरएफ और होमगार्ड सैनिकों ने रात में ही दुकानों को खाली कराया और घाट के पास के मकानों में लोगों को अलर्ट कर दिया था। सुबह करीब पौने ग्यारह बजे नदी का जल स्तर बड़े पुल को पार कर गया गया था और देर शाम तक शिप्रा नदी बड़े पुल के ऊपर से बह रही थी।
स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और अधिकारी तैनात
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी आपदा पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष 0734-2513512 और कंट्रोल रूप पर तैनात भूपेन्द्र सूर्यवंशी के नं. 98275-27171 पर सूचना दी जा सकती है।
गंभीर डेम के गेट 3 से 6 मीटर तक गेट खोलने पड़े
गंभीर डेम नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर के यशवंत सागर के गेट खोलने के साथ केचमेंट इलाके में जोरदार बारिश से गंभीर डेम में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। डेम का वाटर लेवल मेंटेन करने के लिए डेम के 6 में से 5 गेट खोले गए हैं। इसमें गेट नं. 3 को तीन मीटर, 1 को एक मीटर, गेट नं. 2 को तीन मीटर, गेट नं. 4 को 2 मीटर, गेट नं. 6 को छ: मीटर खोला गया है। डेम का वाटर लेवल 2037 एमसीएफटी पर मेंटेन किया जा रहा है। बता दें कि डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है।
स्कूलों में रहा अवकाश
रातभर हुई भारी बरसात के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया हालांकि समय पर सूचना नहीं मिलने के कारण कई अभिभावक और बच्चे परेशान हुए वहीं कई बच्चे स्कूल पहुंच गए।
बाढ़ ने खोल दी निगम के इंतजामों की पोल
24 घंटे की बारिश ने निगम की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। कई कॉलोनियों में पानी भर गया। लोगों की शिकायत मिलने पर पार्षद और सफाई कर्मचारी मौके पर पहुंचे। निगम के कई अफसर तो घरों से बाहर ही नहीं निकल सके। इंदिरा के पास दुर्गा नगर में नाली साफ करने पहुंची जेसीबी को वापस लौटना पड़ा, क्योंकि टाटा द्वारा की गई खुदाई के कारण जेसीबी जा नहीं सकी। लोक निर्माण समिति प्रभारी शिवेंद्र तिवारी ने कॉलोनियों में पहुंचकर समस्याएं दूर कराईं। बापू नगर, बजरंगबली नगर, गांधी नगर और इंदिरा नगर में कई जगह पानी भर जाने से लोग परेशान रहे। शहर की पॉश कॉलोनी महाकाल वाणिज्यिक केंद्र की रोड पर भी पानी भर गया। स्थानीय रहवासी डॉ. प्रतिमा जोशी ने बताया कि कई बार शिकायत के बाद नालियों पर से अतिक्रमण हटाया। नतीजतन सड़कों पर पानी भर गया। ढांचा भवन में पानी की निकासी के लिए नागरिकों को ही जेसीबी बुलाना पड़ी। शहर के अन्य इलाकों से भी जल जमाव की शिकायत है तेरे शाम तक नगर निगम के कंट्रोल रूम तक पहुंचती रही लेकिन लोगों को समय पर मदद नहीं मिल सकी। आए दिन लोगों के बीच जाकर फोटो खिंचवाने वाले भाजपा और कांग्रेस के नेता भी परेशान लोगों के बीच बरसात में नहीं पहुंचे। इससे लोगों में खासी नाराजगी है।
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