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तराना विधानसभा में इस बार होगी कांटे की टक्कर

19 Oct 2023

पिछले 6 चुनाव में चार बार भाजपा और दो बार कांग्रेस उम्मीदवार जीते

उज्जैन। जिले की तराना विधानसभा आरक्षित सीट है ।यहां से पिछले 1990 से 2018 तक छह विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 4 बार तो वहीं कांग्रेस दो बार ही जीत हासिल कर पाई है। इस बार के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने पूर्व विधायकों को मैदान में उतारा है। इस कारण यहां मुकाबला कांटे का होने जा रहा है।


इस बार तराना विधानसभा से भाजपा ने 2008 में विधायक रहे मैकेनिक ताराचंद गोयल को अपना उम्मीदवार बनाया तो वहीं कांग्रेस ने भी पिछली बार जीते महेश परमार पर ही विश्वास जता कर चुनावी समर में उतारा है।


पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के वर्तमान सांसद व 2013 से 2018 तक विधायक रहे अनिल फिरोजिया को तकरीबन 2200 मतों से हरा कर 15 साल बाद फिर यह सीट महेश परमार ने कांग्रेस के खाते में ला करके कांग्रेस का पुनः परचम लहराया था । वहीं भाजपा ने अपनी परम्परागत सीट को पुनः पाने के लिये 2008 में रहे विधायक रहे मैकेनिक ताराचन्द्र गोयल को उतारकर मतदाताओं को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।


हालांकि तराना विधानसभा की यह तासीर रही है कि पिछले 30 साल में एक बार जो जीता उसे दोबारा विधानसभा नहीं पहुंचाया ,लेकिन इस बार जिस तरह से भाजपा ने पूर्व विधायक व कांग्रेस ने वर्तमान विधायक को मैदान में उतारा है। दोनों ही दलों ने पूर्व विधायक को मैदान में उतार कर मतदाताओं को सोचने के लिये मजबूर कर दिया है। यह बात तो तय है कि इस बार तराना विधानसभा का यह भरम टूटता दिखाई दे रहा है, एक बार जो जीता वह दोबारा विधानसभा नहीं पहुंचा।


एक नजर पिछले 6 चुनाव के विजेताओं पर


1990: गोविंद परमार, भारतीय जनता पार्टी

1995: माधव प्रसाद शास्त्री, भारतीय जनता पार्टी

1998: बाबूलाल मालवीय, कांग्रेस

2003: ताराचंद गोयल, भारतीय जनता पार्टी

2008: रोडमल राठौर, भारतीय जनता पार्टी

2013: अनिल फिरोजिया, भारतीय जनता पार्टी

2018: महेश परमार, कांग्रेस


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