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डोल ग्यारस की झिलमिल झांकियो में चंद्रयान की उड़ान

26 Sept 2023

किशनपुरा स्थित मंदिर से उठे डोल, तीनबत्ती चौराहा से निकाला चल समारोह

उज्जैन। जन्माष्टमी के बाद धार्मिक नगरी में फूल डोल ग्यारस का पर्व मनाया जाता है। इस परंपरा में बैरवा समाज भागीदारी करता है जो 100 वर्षों से डोल ग्यारस पर किशनपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर से चल समारोह निकल रहा है। सोमवार को शाम 4 बजे से चल समारोह की शुरुआत हो गई थी यह सिलसिला मंगलवार तड़के तक दिखाई देगा। समाज के अलग-अलग क्षेत्र से समझ में झिलमिल झांकियां शामिल की गई है जिसमें चंद्रयान की उड़ान दिखाई दी।



बैरवा समाज द्वारा विगत 102 वर्षों से फूल डोल ग्यारस चल समारोह निकाला जा रहा है जिसकी शुरुआत किशनपुरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर से होती है पूर्व में प्रभात फेरी के रूप में समारोह मनाया जाता था लेकिन धीरे-धीरे चल समारोह का स्वरूप बड़ा होता गया और समारोह की भव्यता में भी निखार आने लगा। सोमवार को इसी अवसर पर शाम 4 बजे राधा कृष्ण मंदिर से चल समारोह की शुरुआत हुई। विधि विधान के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की गई और डोल उठाया गया। शहर के अलग-अलग क्षेत्र में रहने वाले समाज के लोग भी अपने डोल लेकर मंदिर पहुंचे थे। करवा शुरू हुआ और तीन बत्ती चौराहा पहुंचा जहां किशनपुरा, बागपुरा, विष्णुपूरा, हाथीपुरा, शांति नगर सहित अन्य क्षेत्रों से समाजजन  झिलमिल झांकियां के साथ पहुंचे। शाम 7 बजे तीन बत्ती चौराहा से चल समारोह टावर चौक पहुंचा। जहां बड़े पैमाने पर स्वागत वंदन के साथ समाज के वरिष्ठ प्रबुद्ध जनों और अखाड़ों के उस्ताद-खलीफाओं का सम्मान किया गया। अखाड़े के कलाकारों द्वारा ढोल और बैंड की धुन पर अपने कर्तव्यों का हुनर दिखाया गया। करीब 2 घंटे तक टावर चौक पर बैरवा समाज का कार्यक्रम होता रहा। जहां से चल समारोह आगे बड़ा और फ्रीगंज ओवर ब्रिज से चामुंडा माता चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, दौलतगंज, फवारा चौक, एटलस चौराहा, नई सड़क से कंठाल होते हुए अंकपत मार्ग 16 सागर मंगलवार तड़के पहुंचा। समाज जिन्होंने 16 सागर में डोल विसर्जित किया। फूल डोल चल समारोह को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा शनिवार को ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम कर लिए गए थे। शाम 4 बजे से किशनपुरा में पुलिस बल तैनात हो गया था। जिन मार्गों पर से चल समारोह गुजरा उन रास्तों पर भी पुलिस की तैनाती की गई थी।



झांकियां देखने के लिए पहुंचे शहरवासी


डोल ग्यारस के चल समारोह में एक दर्जन से अधिक झांकियां शामिल की गई थी जिसमें चार झांकियां चंद्रयान की शामिल थी। कुछ झांकी में धार्मिक ग्रंथो पर आधारित थी वहीं अयोध्या से श्री राम के लौटने का दृश्य भी झांकी में दर्शाया गया था। तीनबत्ती चौराहा, टावरचौक और चामुंडा माता चौराहा पर झीलमिलाती झांकियां को देखने के लिए शहर वासी पहुंचे थे। रात 11:30 बजे बाद चामुंडा माता चौराहा से झांकियां का कारवां आगे बढ़ पाया। डोल ग्यारस के बाद अनंत चतुर्दशी पर भी शहर में गणपति बप्पा को विदाई देने के लिए झांकियो के साथ चल समारोह निकाला जाएगा। जिसकी शुरुआत चामुंडा माता चौराहा से होगी।


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