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2 दिन में 500 से ज्यादा लोगों का किया रेस्क्यू

18 Sept 2023

बाढ़ प्रभावित कई इलाकों में लोगों को नहीं मिल रही मदद, राहत कार्य जारी

उज्जैन। भारी बारिश के कारण उज्जैन में कई इलाके जलमग्न हो गए, शांति नगर, एकता नगर और सुदर्शन नगर में तो हालात ऐसे बिगड़े की यहां बोट चलानी पड़ी। शांति नगर में बारिश का पानी मकानों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया। लोगों के बर्तन पानी में तैरने लगे। दो दिन में शांति नगर सहित आसपास के इलाकों से 500 से अधिक लोगों को बोट के जरिये निकाला गया है। लोगों का कहना है कि उन्हें रेस्क्यू के बाद जरूरी मदद नहीं मिल रही है।

उल्लेखनीय है कि बारिश से शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। कई जगह पर घुटने तक और कई जगह 5 फ़ीट तक पानी भर गया। जिससे वहां रहने वाले लोग घरों में फंस गए। होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवानों ने बोट के जरिए लोगों को बाहर निकाला। इस प्रकार शिप्रा किनारे स्थित बम्बई वालों की धर्मशाला में बाढ़ के पानी के कारण फंसे 35 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालकर राहत शिविर तक पहुंचाया।


चिंतामण बाईपास पुल तक पहुंची शिप्रा


इंदौर और आसपास के इलाकों में हो रही भारी वर्षा से शिप्रा नदी अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है। बडऩगर रोड स्थित बड़े पुल के बाद अब नदी का पानी नृसिंह घाट पुल के ऊपर आ गया है। वहीं नृसिंह घाट को पार करते हुए यह पानी मुख्य मार्ग पर पहुंच गया है। यह स्थिति वर्षों बाद बनी है। इसके अलावा नदी चिंतामण बायपास पुल के कुछ ही नीचे बह रही है।


सड़कों जागकर गुजारी रात, छत पर बचाई जान


शांति नगर में घरों की छत पर चढ़कर लोगों ने जान बचाई। यहां घरों में 8 फीट तक पानी भर गया। एनडीआरएफ की टीम ने शांतिनगर क्षेत्र से 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग घर की छतों पर चढ़े हुए हैं। सुबह 9 बजे यहां नाले में बाढ़ आई और तेजी से पानी घरों में घूसने लगा। कुछ लोग सुबह काम पर निकल गए थे बारिश तेज होने पर जब वे दोपहर में वापस आए तो घर जाने का रास्ता बंद हो गया था। यहां रहने वाली लीलाबाई पति रजनीकांत भालेराव और पुष्पा शेखावत ने बताया कि कल दोपहर से वे घर से बाहर हैं। उनकी बहन रेखा सांखला और पड़ोसी राजेश वर्मा परिवार सहित रिश्तेदारों के घर चले गए। भालेराव ने बताया कि यहां लोगों को पूरी रात हो गई है भोजन के पैकेट आए थे लेकिन कुछ लोगों तक भोजन भी नहीं पहुुंच पाया। लोगों को चिंता यह है कि घर का सामान, टीवी, फ्रीज लकड़ी के दीवान और जरूरी कागजात बारिश के पानी में पूरी तरह डूब चुके होंगे।


गंभीर के पांच गेट अभी भी खुले हुए


सतत वर्षा के कारण गंभीर डेम में पानी की आवक जारी है। डेम के वाटर लेवल को मेंटेन करने के लिए पांच गेट को खुला रखा गया है। गंभीर डेम कंट्रोल रूम की जानकारी के अनुसार डेम के गेट एक को 1 मीटर,गेट 2 को 7:40 मीटर,गेट 3 को 7:40 मीटर,गेट 4 को 4 मीटर और गेट नंबर 6 को 1 मीटर तक खोलकर वाटर लेवल 2150 एमसीएफटी पर मेंटेन किया जा रहा है।


बड़नगर रोड पर फंसे लोगों को नहीं मिल रही मदद


बडऩगर रोड स्थित मुल्लापुरा रोड और हनुमान गढ़ी क्षेत्र के कई लोग बरसात के पानी में फंसे हुए है। दो दिन में प्रशासन की कोई राहत इन तक नहीं पहुंची है। प्रभावितों ने बताया कि आसपास के आश्रम,धर्मस्थल और धर्मशाला वाले शरण नहीं दे रहें है। सामान पानी में बह चुका है और भोजन-पानी के इंतजाम नहीं है।


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