
2 Sept 2023
झड़ने लगी फलियां, पहले ज्यादा बारिश से हो चुका है नुकसान
उज्जैन। पहले ज्यादा बारिश के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई थी और फसल बढ़ भी नहीं पाई। इसके बाद अब पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने के कारण सोयाबीन की फसल को खतरा बढ़ गया है। फसल की फलियां सूखकर गिरने लगी हैं और इल्ली का प्रकोप भी बढऩे लगा है। यदि कुछ दिन और बारिश नहीं हुई तो किसानों को सिंचाई शुरू करनी पड़ेगी।
चिंतामन जवासिया गांव के किस अजय पटेल के मुताबिक सोयाबीन की फसल को अभी पानी की जरूरत है, क्योंकि अधिकांश फसल में फलियां आ चुकी है। पानी न गिरने से फलियां सूख रहीं हैं और इसका दाना भी छोटा रह जाएगा। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि बारिश कब होगी। सोयाबीन की फसल पकने तक अभी कुछ-कुछ दिनों के अंतराल से बारिश की जरूरत है। पहले तेज बारिश के कारण फूल झडऩे से फलियां सोयाबीन कम ही आई हैं। गौरतलब है कि इस बार किसानों ने 4 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की है और महंगा बीज बाजार से खरीदा है, जिससे लागत भी बहुत ज्यादा लगी है।
खराब हो जाएगी फसल
किसान बलराम सिंह ने बताया कि बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन की फसल खराब हो जाएगी। फूल और फलिया पर इसका असर दिखने लगा है। कुछ दिनों और बारिश न होने पर सिंचाई करनी पड़ेगी। सोयाबीन की फसल खराब होने से किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। इधर वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अगस्त माह के अंत तक लगभग 24 इंच बारिश ही उज्जैन जिले में हो पाई है। औसत बारिश के आंकड़े 36 इंच से अभी भी 12 इंच बरसात कम हुई है और मौसम साफ होने से फिलहाल बारिश के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में मानसून का कोई नया सिस्टम भी सक्रिय नहीं हो रहा है।
लगातार बढ़ रहा इल्ली का प्रकोप....
चिंतामन जवासिया गांव के किसान अजय पटेल ने बताया कि बारिश न होने के कारण जहां एक और सोयाबीन के पौधे सूखने लगे हैं वहीं दूसरी ओर इल्ली का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। इल्ली पौधा और फलियों को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे किसानों को फिर से दवाओं का छिड़काव करना पड़ेगा।
उड़द की फसल हो चुकी है खराब....
जिले के किसानों का कहना है कि उड़द की फसल पहले ही पीला मौजेक के कारण खराब हो चुकी है और अब किसानों को सोयाबीन से उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। धान की फसल पर भी असर दिख रहा है। जिन खेतों में पानी भरता है वहां तो स्थिति ठीक है, जिन खेतों में पानी नहीं रुकता है वहां धान की फसल भी प्रभावित हुई है। फिलहाल किसान उम्मीद कर रहे हैं कि दो-तीन दिन में अच्छी बारिश हो जाए अन्यथा रही सही सोयाबीन की फसल भी खराब हो जाएगी।
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