
2 Oct 2023
चालकों का नहीं किया जा रहा पुलिस वेरीफिकेशन, दुष्कर्म की घटना के बाद हुई चेकिंग शुरू
उज्जैन। शहर में ई रिक्शा और ऑटो की संख्या बढ़ती देख जिला प्रशासन ने ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी , लेकिन वर्तमान में पूरे शहर मे 5000 से ज्यादा ई रिक्शा सड़कों पर चल रही है। सबसे ज्यादा ई रिक्शा महाकाल क्षेत्र में संचालित हो रही है। इधर शहर को शर्मसार करने वाली दुष्कर्म की घटना के बाद रविवार से यातायात पुलिस ने ऑटो चालकों की चेकिंग का अभियान शुरू किया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी माह में जिला प्रशासन की टीम ने शहर का यातायात दुरुस्त करने के लिए महाकाल क्षेत्र में निरीक्षण किया था। जिसमें यह पाया गया था कि महाकाल क्षेत्र, हरसिद्धि की पाल, गुदरी बाजार, हरिफाटक रोड़ पर सबसे ज्यादा जाम ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के कारण होता है। शहर के भौगोलिक और यात्रियों के आवागमन को देखते हुए यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन ने ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। आरटीओ संतोष मालवीय ने शो रूम संचालकों को भी पत्र लिखकर नए ऑटो व ई रिक्शा विक्रय पर प्रतिबंध की सूचना जारी की थी। इस प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद शहर में ई रिक्शा की संख्या डबल हो गई है। वहीं दूसरी और लंबे समय से आरटीओ और यातायात पुलिस ने ऑटो और ई-रिक्शा का चेकिंग अभियान भी नहीं चलाया है। यही कारण है कि इनका चालन अपराधी किस्म के लोग कर रहे हैं और पुलिस इनका वेरिफिकेशन भी नहीं कर रही।
ई रिक्शा बढ़ी, टाटा मैजिक की संख्या घट गई
आरटीओ से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में शहर में 5 हजार से अधिक ई रिक्शा और 4500 ऑटो रिक्शा चल रहें हैं। जबकि टाटा मैजिक की संख्या कम हो गई है। 6 माह पूर्व परिवहन व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में यात्री किराया नियंत्रण के लिए शहर में 15 प्रीपेड बूथ लगाने को लेकर निर्णय हुआ था, ताकि यात्रियों से सही किराया लिया जाए लेकिन अब तक प्री पैड बूथ शुरू नहीं हुए हैं। इधर प्रशासन की समझाइश के बाबजूद ई रिक्शा ऑटो रिक्शा यात्रियों से मन माना किराया वसूल रहे हैं। शहर में बड़ी संख्या में दूसरे जिले में रजिस्टर्ड ई रिक्शा भी संचालित हो रहे ई रिक्शा भी चल रहें हैं। आरटीओ और ट्रेफिक पुलिस की सुस्त कार्य प्रणाली के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यदि जांच की जाए तो कई बाहरी वाहन पकड़ में आएंगे।
शर्मसार घटना के बाद शुरू हुई चेकिंग
हाल ही में सतना की रहने वाली 12 वर्षीय बालिका के साथ हैवान ऑटो चालक भरत सोनी ने जिस तरह हैवानियत का परिचय देते हुए दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। उसके तत्काल बाद लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की थी, शहर में हजारों ऑटो रिक्शा बगैर परमिट के चल रहे हैं और यातायात पुलिस और आरटीओ द्वारा ऐसे ऑटो चालकों पर लंबे समय से कोई चेकिंग की कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक की ऑटो चालकों का रिकॉर्ड और उनके आईडेंटिटी का लेखा-जोखा भी पुलिस और आरटीओ के पास उपलब्ध नहीं रखा जाता। यही कारण है कि अपराधी और विकृत मानसिकता वाले कई बदमाश यह धंधा कर रहे हैं और अवसर मिलते ही यात्रियों और विशेष कर महिला और बच्चियों से अभद्र व्यवहार से लेकर उनके साथ दुराचार करने तक का दुस्साहस साहस करने लगे हैं। यह मांग उठने के बाद रविवार से यातायात पुलिस ने चेकिंग अभियान शुरू किया और इसमें 30 से अधिक ऑटो और ई रिक्शा बगैर परमिट के चलते हुए पकड़े। अधिकारियों का यह कहना है कि चेकिंग का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
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